ममता ने खत में कहा है, "एनसीटीसी के संगठन, कार्यों, शक्तियों और जिम्मेदारियों को लेकर जारी आदेश की समीक्षा करें और उन्हें वापस लें।"
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नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से कहा है कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत हाल ही में गठित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र (नेशनल काउंटर टेररिज़्म सेंटर - एनसीटीसी) के संगठन, कार्यों, शक्तियों और जिम्मेदारियों को लेकर जारी आदेश की 'समीक्षा करें और उन्हें वापस लें।'
ममता के मुताबिक इससे राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल होता है, और उन्होंने 14 फरवरी को प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में राज्यों के अधिकारों के इसी कथित उल्लंघन पर चिंता जताते हुए कहा, "राज्य सरकार के लिए केंद्र सरकार, केंद्रीय एजेंसी के शक्ति के एकतरफा इस्तेमाल को स्वीकार करना कठिन है।" इससे पहले नवीन पटनायक भी इस बारे में चिट्ठी लिख चुके हैं।
एनसीटीसी गृह मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसे इसी साल जनवरी में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी है। एनसीटीसी आतंकवाद के खिलाफ तमाम कार्रवाइयों और सभी खुफिया एजेंसियों की नोडल एजेंसी बनेगी। यानी आईबी रॉ ज्वाइंट इंटेलिजेंस कमेटी−जेआईसी और राज्यों की खुफिया एजेंसियां सब इसके दायरे में आएंगी। अब ये तमाम खुफिया एजेंसियां आतंकवाद से जुड़े मामलों में एनसीटीसी को रिपोर्ट करेंगी। इसके बाद एनसीटीसी आतंकवाद से जुड़ी खुफिया जानकारियों का एनालिसिस करके उन्हें संबंधित एजेंसियों को देगी ताकि वह कार्रवाई कर सकें। साथ ही ये सभी खुफिया एजेंसियों और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी−एनआईए के बीच तालमेल का काम भी करेगी।
ममता के मुताबिक इससे राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल होता है, और उन्होंने 14 फरवरी को प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में राज्यों के अधिकारों के इसी कथित उल्लंघन पर चिंता जताते हुए कहा, "राज्य सरकार के लिए केंद्र सरकार, केंद्रीय एजेंसी के शक्ति के एकतरफा इस्तेमाल को स्वीकार करना कठिन है।" इससे पहले नवीन पटनायक भी इस बारे में चिट्ठी लिख चुके हैं।
एनसीटीसी गृह मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसे इसी साल जनवरी में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी है। एनसीटीसी आतंकवाद के खिलाफ तमाम कार्रवाइयों और सभी खुफिया एजेंसियों की नोडल एजेंसी बनेगी। यानी आईबी रॉ ज्वाइंट इंटेलिजेंस कमेटी−जेआईसी और राज्यों की खुफिया एजेंसियां सब इसके दायरे में आएंगी। अब ये तमाम खुफिया एजेंसियां आतंकवाद से जुड़े मामलों में एनसीटीसी को रिपोर्ट करेंगी। इसके बाद एनसीटीसी आतंकवाद से जुड़ी खुफिया जानकारियों का एनालिसिस करके उन्हें संबंधित एजेंसियों को देगी ताकि वह कार्रवाई कर सकें। साथ ही ये सभी खुफिया एजेंसियों और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी−एनआईए के बीच तालमेल का काम भी करेगी।
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