यह ख़बर 30 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मनोहर सिंह ने मालेगांव विस्फोट मामले में शामिल होने की बात स्वीकार की

खास बातें

  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई में एक विशेष अदालत में दावा किया कि 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य आरोपियों में से एक मनोहर सिंह ने षड्यंत्र में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है।
मुंबई:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को मुंबई में एक विशेष अदालत में दावा किया कि 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य आरोपियों में से एक मनोहर सिंह (मोहन सिंह) ने षड्यंत्र में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है।

मध्य प्रदेश में इंदौर जिले के हतोद में कल ही गिरफ्तार सिंह को यहां विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। दक्षिणपंथी समूह की भूमिका सामने आने के बाद वर्ष 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले में यह पहली गिरफ्तारी है।

विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सलियान ने अदालत से कहा कि सिंह ने विस्फोटों के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुराग दिए हैं। एनआईए ने अदालत में कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान सिंह से अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

वर्ष 2007 के समझौता विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी राजेंद्र चौधरी ने सिंह के मामले में शामिल होने की जानकारी दी थी। उसके बाद सिंह को पकड़ा गया था। अदालत ने चौधरी के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया है और उसे कल मुंबई लाए जाने की संभावना है।

संवेदनशील शहर मालेगांव में 8 सितंबर 2006 को एक मस्जिद के निकट हुए विस्फोटों में 37 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। विस्फोटों के बाद महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। हालांकि मामले में नयी जानकारी सामने आने के बाद मकोका अदालत ने नौ आरोपियों को पिछले साल 5 नवंबर को जमानत दे दी थी।

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मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी और उसने एटीएस के तथ्यों का समर्थन किया था। बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया। मुंबई के 26/11 हमलों के बाद 2009 में एनआईए की स्थापना की गई थी।