सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से नोटिस जारी करके जवाब मांगा था
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने 2008 के मालेगांव मामले के ट्रायल को धीमा करने के आरोप से इंकार किया है। सरकार ने कहा है कि जांच एजेंसी NIA पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं कि मामले की जांच को जानबूझकर धीमा किया गया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एटर्नी जनरल मुकुल रोहातगी ने कहा कि सरकार पर यह आरोप बेबुनियाद है और यह सब मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ही कहा जा रहा है।
इस मामले में सरकार दो हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का वक्त दिया और कहा कि अब मामले की सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी।
रोहिणी सालियान का केस से हटना
2008 के मॉलेगांव ब्लास्ट मामले मे सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और पीड़ितों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, NIA और महाराष्ट्र सरकार से नोटिस जारी करके जवाब मांगा था।
याचिका में मांग की गई है कि NIA कोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी के लिए किसी नामी वकील की विशेष सरकारी वकील के तौर पर नियुक्ति की जाए।
साथ ही कहा गया है कि सीबीआई की SIT का गठन किया जाए जो कोर्ट की निगरानी में जांच करे कि किन अफसरों ने और किसके कहने पर केस की वकील रोहिणी सालियान को ट्रायल के दौरान नरमी बरतने के आदेश दिए थे।
आरोप लगाया गया है कि सरकार ने इस मामले को कमज़ोर करने के लिए रोहिणी को हटाया है, ऐसे में पीड़ितों को सही न्याय नहीं मिलेगा इसलिए कोर्ट उचित आदेश जारी करे।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एटर्नी जनरल मुकुल रोहातगी ने कहा कि सरकार पर यह आरोप बेबुनियाद है और यह सब मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ही कहा जा रहा है।
इस मामले में सरकार दो हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का वक्त दिया और कहा कि अब मामले की सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी।
रोहिणी सालियान का केस से हटना
2008 के मॉलेगांव ब्लास्ट मामले मे सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और पीड़ितों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, NIA और महाराष्ट्र सरकार से नोटिस जारी करके जवाब मांगा था।
याचिका में मांग की गई है कि NIA कोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी के लिए किसी नामी वकील की विशेष सरकारी वकील के तौर पर नियुक्ति की जाए।
साथ ही कहा गया है कि सीबीआई की SIT का गठन किया जाए जो कोर्ट की निगरानी में जांच करे कि किन अफसरों ने और किसके कहने पर केस की वकील रोहिणी सालियान को ट्रायल के दौरान नरमी बरतने के आदेश दिए थे।
आरोप लगाया गया है कि सरकार ने इस मामले को कमज़ोर करने के लिए रोहिणी को हटाया है, ऐसे में पीड़ितों को सही न्याय नहीं मिलेगा इसलिए कोर्ट उचित आदेश जारी करे।
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