Mumbai:
घोटाले के सीज़न में नए घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ये है अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन घोटाला जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने मिनी 2-जी घोटाला बता दिया। इसके तार पूरे महाराष्ट्र और खास तौर पर पुणे में सामने आए है। ये घोटाला अर्बन लैंड सीलिंग यानी यूएलसी एक्ट 1976 के तहत हुआ है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए इसे अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। इसमें लाखों स्क्वेयर फीट की ज़मीन से खिलवाड़ हुआ है। खास बात ये है कि इस ज़मीन का फायदा समाज के ग़रीब तबकों को मिलना चाहिए था। कोर्ट मामले की जांच सीबीआई को सौंपना चाहती है। क्योंकि आरोप है कि बोगस काग़ज़ात के आधार पर बिल्डरों−नेताओं और बड़े सरकारी बाबुओं ने ज़मीन को अपने कब्ज़े में बनाये रखा। यूएलसी एक्ट के तहत प्रावधान था कि शहरी इलाकों में 500 स्क्वेयर मीटर से ज्यादा की ज़मीन सरकार अधिग्रहण करेगा लेकिन बताया जाता है कि सरकारी अधिग्रहण से मुआवज़ा कम मिलता इसलिए ऐसे काग़ज़ात तैयार कराये गए जिससे ज़मीन सरेंडर करने की नौबत ही न आए। मामले में अर्जी डालने वाले हैं बीजेपी के प्रवक्ता माधव भंडारी। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि अकेले पुणे में ऐसे ढेर सारे मामले हैं इसलिए 10 फरवरी को अगली सुनवाई में सीबीआई और एसीबी के ऑफिसर इंचार्ज को अदालत में मौजूद रहने को कहा है।
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