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This Article is From Feb 28, 2022

यूक्रेन में सपने साकार करने पहुंचा था भारतीय छात्र, पहुंचते ही धमाकों से बचने के लिए छिपना पड़ा

छात्र का परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है और उसके शीघ्र लौट आने की कामना कर रहा है. रूस (Russia) के हमले के बाद यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकतर छात्र हैं. भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है.

यूक्रेन में सपने साकार करने पहुंचा था भारतीय छात्र, पहुंचते ही धमाकों से बचने के लिए छिपना पड़ा
शनिवार से अब तक 900 से अधिक लोगों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है.
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में ठाणे के डोम्बिवली का संकेत पाटिल मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए यूक्रेन के एक विश्वविद्यालय (Ukraine University) में दाखिला मिलने से उत्साहित था. लेकिन उसकी ये खुशी महज कुछ ही देर की थी, क्योंकि जैसे ही उसने 24 फरवरी को शैक्षणिक संस्थान के छात्रावास (Hostel) में कदम रखा, उसके कुछ ही मिनट बाद पूर्वी यूरोपीय देश पर रूस (Russia) ने हमला कर दिया. नतीजतन 23 वर्षीय छात्र अब वहां छात्रावास में बंद है और अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंतित है.

छात्र का परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है और उसके शीघ्र लौट आने की कामना कर रहा है. संकेत (Sanket)  ने भारत में मेडिकल की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की परीक्षा (NEET Exam) दी थी, लेकिन एक स्कूल (School) में अध्यापक उसके पिता यहां कॉलेज में पढ़ाई का अत्यधिक शुल्क देने में सक्षम नहीं थे. इसलिए उसके परिवार ने यूक्रेन के चेर्निवत्सी की बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला कराने के प्रयास किए.

संकेत के पिता गोकुल पाटिल (Gokul Patil) ने बताया ‘‘यूक्रेन में शुल्क (Fee) यहां की तुलना में एक तिहाई है, इसलिए मैंने बेटे का दाखिला वहां कराने का फैसला किया.''आंखों में अपने सुनहरे भविष्य के सपने लिए संकेत 23 फरवरी को यूक्रेन के लिए रवाना हुआ था. मगर उसने 24 फरवरी को विश्वविद्यालय के छात्रावास में प्रवेश किया और कुछ ही मिनट बाद उसे पता चला कि रूस ने यूक्रेन पर सैन्य हमला कर दिया है.

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गोकुल पाटिल अब अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वहां उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है, मुझे उसकी सुरक्षा की चिंता है. छात्रावास में जाने के बाद उसने हमें फोन किया था और बताया था कि सब ठीक है, लेकिन उसके बाद युद्ध छिड़ गया.''रूस के हमले के बाद यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकतर छात्र हैं. भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है और शनिवार से अब तक 900 से अधिक लोगों को लाया जा चुका है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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