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This Article is From Nov 27, 2019

महाराष्ट्र में किसके होंगे कितने मंत्री, Congress-NCP और शिवसेना में विभागों के बंटवारे को लेकर आया बयान

अटकलें हैं कि थोराट को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इस बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी किसी संभावना के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं इस बारे में टिप्पणी नहीं कर सकता हूं.’

महाराष्ट्र में किसके होंगे कितने मंत्री, Congress-NCP और शिवसेना में विभागों के बंटवारे को लेकर आया बयान
राज्यपाल से मुलाकात करते उद्धव ठाकरे.
मुंबई:

महाराष्ट्र की कांग्रेस इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने बुधवार को कहा कि अगली सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच विभागों के बंटवारे के बारे में अगले कुछ दिनों में फैसला किया जाएगा. मंगलवार को महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार के गिरने के बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने कुछ छोटे दलों और निर्देलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार गठन का दावा पेश करने का फैसला किया था.

सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता थोराट ने महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद बुधवार को मीडिया से कहा, ‘विभागों के बंटवारे के बारे में अगले दो दिन में निर्णय लेंगे. किसी दल को कितने मंत्री पद और कितने राज्यमंत्री पद देने हैं इस पर भी अगले दो दिन में फैसला कर लेंगे.'

राकांपा ने घोषणा की है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वह गुरुवार को शपथ लेंगे. उद्धव अभी राज्य विधानसभा के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. 

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थोराट से पूछा गया कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या पार्टी के नेता राहुल गांधी ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में आएंगे, इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ तय नहीं है. अटकलें हैं कि थोराट को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इस बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी किसी संभावना के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं इस बारे में टिप्पणी नहीं कर सकता हूं.'

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बता दें, महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा के सदस्यों का बुधवार को शुरू हुआ शपथ गहण समारोह इस मायने में भिन्न था कि जब सदन का विशेष सत्र आरंभ हुआ तब तक न तो सरकार का गठन हुआ था और न ही मुख्यमंत्री नियुक्त हुए थे. राज्य विधानभवन के प्रभारी सचिव राजेंद्र भागवत ने बताया कि बीते कई दशकों से यह परंपरा चली आ रही है कि सबसे पहले शपथ मुख्यमंत्री लेते हैं और उनके बाद अन्य सदस्यों को शपथ दिलवायी जाती है. उन्होंने कहा, ‘इसके तुरंत बाद या फिर उसके बाद के सत्र में शक्ति परीक्षण करवाया जाता है. इस मामले में मुख्यमंत्री ने तो शपथ ली ही नहीं लेकिन सदन के सदस्यों को शपथ ग्रहण करवाई गई.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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