महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि सरकार इन हिन्दू शरणार्थी को देश में किस जगह पर और कैसे बसाने वाली है? उन्होंने भाजपा-नीत केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि बेलगाम सीमा विवाद मामले में वह महाराष्ट्र के बजाए कर्नाटक का पक्ष ले रही है. वह महाराष्ट्र विधानसभा में राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी के अभिभाषण पर हो रही चर्चा का जवाब दे रहे थे. राज्यपाल ने एक दिसंबर को मुंबई के विधान भवन में राज्य विधान मंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था.
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संशोधित नागरिकता कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं जानना चाहूंगा कि अन्य देशों से आने वाले हिन्दुओं को कहां और कैसे बसाया जाएगा. मुझे नहीं लगता कि आपके (केन्द्र) पास इस संबंध में कोई भी योजना है.''
ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधयेक का समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में इस पर मतदान के दौरान सदन से वॉकआउट कर गए थे. उनका आरोप था कि पार्टी को उसके सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं मिला है.
मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगाम सीमा विवाद का भी जिक्र किया.
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महाराष्ट्र बेलगाम पर अपना दावा बताता है क्योंकि वह पूर्ववर्ती बांबे प्रेसिडेंसी का हिस्सा था, लेकिन वर्तमान में वह भाषाई आधार पर कर्नाटक का एक जिला है. ठाकर ने आरोप लगाया, ‘‘उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई के दौरान केन्द्र सरकार ने कर्नाटक का साथ दिया और महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर दिया यह पिछले पांच साल से चल रहा है और सभी को अंधेरे में रखा गया.''उन्होंने भाजपा से कहा कि वह गायों को लेकर हिन्दू विचारक वीर दामोदर सावरकर के विचारों पर अपना रुख स्पष्ट करे.
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