महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के सभी 250 बस डिपो कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को भी बंद रहे. हालांकि कुछ कर्मचारियों ने परिवहन उपक्रम की कार्यशालाओं में काम फिर से शुरू कर दिया है. एमएसआरटीसी के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर 28 अक्टूबर से शुरू हुई कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण लगातार चौथे दिन सभी डिपो बंद रहने से बस संचालन ठप हो गया. विलय से एमएसआरटीसी के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों का दर्जा मिल जाएगा.
एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'राज्य भर में सभी 250 डिपो बंद हैं, लेकिन कार्यशालाओं के कर्मचारी काम पर लौट आए हैं.' बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने उन कर्मचारियों को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया था, जो ड्यूटी पर फिर से लौटने के इच्छुक हैं. एमएसआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार, अब तक राज्य के स्वामित्व वाले निगम ने हड़ताल में भाग लेने और दूसरों से हड़ताल में शामिल होने का अनुरोध करने के लिये विभिन्न डिपो से 2,053 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. इनमें से 1,135 को बृहस्पतिवार को निलंबित किया गया.
करीब डेढ़ साल बाद पश्चिम बंगाल और नेपाल के बीच बस सेवा बहाल
एक अधिकारी ने कहा कि निगम और कर्मचारियों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई कर सकता है. इस बीच, एमएसआरटीसी कर्मचारियों के एक समूह ने दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपना विरोध जारी रखा. आजाद मैदान में मंगलवार से धरना चल रहा है, जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन हासिल है.
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