प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार नेस्ले इंडिया के मैगी नूडल पर लगी रोक को हटाने को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे सकती है। बापट ने कहा कि हमारा कानून विभाग सभी पहलुओं को देख रहा है। इसके भले-बुरे को परख रहा है। इनकी (कानूनी) राय के आधार पर हम सर्वोच्च न्यायालय जाने के बारे में सोच रहे हैं।
कुछ नमूनों का हुआ परीक्षण
बापट ने कहा कि कुछ निश्चित नमूनों का परीक्षण हुआ है। इस बात की संभावना है कि अन्य नमूने ग्राहकों के लिए स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या खड़ी कर सकते हैं। बापट ने कहा, "इस वजह से, हम नूडल्स पर रोक जारी रखना चाहते हैं और कानूनी राय के हिसाब से जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में मामला ले जाने के बारे में फैसला करेंगे। लोगों का स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी चिंता है।"
'मजबूत केस' बनाने की तैयारी
नेस्ले इंडिया को राहत बंबई उच्च न्यायालय ने दी है। इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी खारिज न हो, इसके लिए राज्य सरकार नेस्ले के खिलाफ 'मजबूत केस' तैयार कर रही है। सफल परीक्षणों के बाद बंबई उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मैगी पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया था। दिवाली के पहले मैगी बाजार में आ भी गई।
16 अक्टूबर और फिर 4 नवंबर को नेस्ले ने बताया था कि सभी प्रयोगशालाओं के परीक्षण में मैगी को क्लीनचिट मिल गई है। यह सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं पाई गई है। जून में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मैगी में तय सीमा से अधिक लेड पाए जाने पर इसे सेहत के लिए नुकसानदेह बताया था और इस पर रोक लगा दी थी।
कुछ नमूनों का हुआ परीक्षण
बापट ने कहा कि कुछ निश्चित नमूनों का परीक्षण हुआ है। इस बात की संभावना है कि अन्य नमूने ग्राहकों के लिए स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या खड़ी कर सकते हैं। बापट ने कहा, "इस वजह से, हम नूडल्स पर रोक जारी रखना चाहते हैं और कानूनी राय के हिसाब से जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में मामला ले जाने के बारे में फैसला करेंगे। लोगों का स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी चिंता है।"
'मजबूत केस' बनाने की तैयारी
नेस्ले इंडिया को राहत बंबई उच्च न्यायालय ने दी है। इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी खारिज न हो, इसके लिए राज्य सरकार नेस्ले के खिलाफ 'मजबूत केस' तैयार कर रही है। सफल परीक्षणों के बाद बंबई उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मैगी पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया था। दिवाली के पहले मैगी बाजार में आ भी गई।
16 अक्टूबर और फिर 4 नवंबर को नेस्ले ने बताया था कि सभी प्रयोगशालाओं के परीक्षण में मैगी को क्लीनचिट मिल गई है। यह सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं पाई गई है। जून में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मैगी में तय सीमा से अधिक लेड पाए जाने पर इसे सेहत के लिए नुकसानदेह बताया था और इस पर रोक लगा दी थी।
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