नई दिल्ली:
देश के कई राज्यों में मैगी पर रोक लगाने के बाद नेस्ले के ग्लोबल सीईओ पॉल बुल्के ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सुरक्षा और गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता है। मैगी में कुछ भी हानिकारक नहीं है। मैगी पूरी तरह सुरक्षित है।
उधर, केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने बाजार से मैगी ब्रांड के नौ तरह के इंस्टैंट नूडल वापस लेने का आदेश दिया। एफएसएसएआई ने मैगी ब्रांड के नौ तरह के नूडल को खाने के लिए असुरक्षित और खतरनाक पाया और नेस्ले से कहा कि वह तुरंत प्रभाव से इनका उत्पादन, आयात और बिक्री रोके।
बुल्के ने प्रेस वार्ता में कहा, हमने मैगी के 1000 नमूनों की जांच की है। सारे नमूने बताते हैं कि मैगी सुरक्षित है। भारत में टेस्ट के तरीकों की भी हम जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैगी में हम एमएसजी को नहीं मिलाते। हम फिलहाल बाजार से मैगी को हटा रहे हैं, क्योंकि माहौल सही नहीं है। लोगों में भम्र की स्थिति बनी हुई है। हम भ्रम को मिटाने के लिए हर तरह का प्रयास करेंगे।
बुल्के ने कहा, हम अपने उत्पादों के लिए दुनिया में एक ही स्टैंडर्ड का पालन करते हैं। मैगी के मामले में भी हम ऐसा ही करते रहे हैं। हम मैगी को जल्द बाजार में वापस लाएंगे।
नेस्ले के ग्लोबल सीईओ की पीसी के पॉइंट्स :-
कई राज्यों में बैन
इससे पूर्व मैगी में लैड और एमएसजी की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाए जाने के बाद कई राज्यों ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिसमें दिल्ली, बिहार मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और असम समेत कई राज्य शामिल हैं। वहीं नेपाल सरकार ने भी भारत से नेपाल में आने वाली मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी।
हरियाणा में सैंपल की रिपोर्ट आज आएगी सामने
हरियाणा सरकार की ओर से जांच के लिए भेजे गए मैगी की नमूनों की आज रिपोर्ट सामने आएगी। देशभर में मैगी को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद हरियाणा सरकार ने राज्यभर से मैगी का सैंपल जांच के लिए भेजा था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के मुताबिक, नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। मैगी में तय मात्रा से ज्यादा सीसा और एमएसजी पाए जाने के बाद इसे जांच के लिए भेजा गया था।
उधर, केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने बाजार से मैगी ब्रांड के नौ तरह के इंस्टैंट नूडल वापस लेने का आदेश दिया। एफएसएसएआई ने मैगी ब्रांड के नौ तरह के नूडल को खाने के लिए असुरक्षित और खतरनाक पाया और नेस्ले से कहा कि वह तुरंत प्रभाव से इनका उत्पादन, आयात और बिक्री रोके।
बुल्के ने प्रेस वार्ता में कहा, हमने मैगी के 1000 नमूनों की जांच की है। सारे नमूने बताते हैं कि मैगी सुरक्षित है। भारत में टेस्ट के तरीकों की भी हम जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैगी में हम एमएसजी को नहीं मिलाते। हम फिलहाल बाजार से मैगी को हटा रहे हैं, क्योंकि माहौल सही नहीं है। लोगों में भम्र की स्थिति बनी हुई है। हम भ्रम को मिटाने के लिए हर तरह का प्रयास करेंगे।
बुल्के ने कहा, हम अपने उत्पादों के लिए दुनिया में एक ही स्टैंडर्ड का पालन करते हैं। मैगी के मामले में भी हम ऐसा ही करते रहे हैं। हम मैगी को जल्द बाजार में वापस लाएंगे।
नेस्ले के ग्लोबल सीईओ की पीसी के पॉइंट्स :-
- गुणवत्ता के मापदंड पूरी दुनिया में समान हैं।
- मैगी में MSG नहीं मिलाते।
- भारत में मैगी सुरक्षित है।
- मैगी में कुछ भी हानिकारक नहीं है।
- भारत में इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।- हम टेस्ट के तरीकों की जांच कर रहे हैं।
- स्टॉक मार्केट से ज्यादा जरूरी है ग्राहकों का भरोसा। फिलहाल बाजार से हटा रहे हैं मैगी।
- हमने 1000 नमूनों की जांच की, ये सभी सुरक्षित थे। |
- हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे और बाकी लैबोरेट्रीज में किए गए टेस्ट के नतीजे अलग अलग क्यों हैं।
- क्वॉलिटी और सेफ्टी हमारी प्राथमिकता है।
- हम किसी साजिश का आरोप नहीं लगा रहे।
- भारत में 300-400 लोग फूड सेफ्टी पर काम कर रहे हैं।
- हमारे पास इस समय रिजल्ट पेपर्स नहीं हैं, इसलिए नतीजों को एकदम सही से बता पाना मुमकिन नहीं।
- मैगी जहां कहीं भी बेची जाती है, बेचने से पहले उसका टेस्ट जरूर होता है।
- नेस्ले के लिए यह एक मुश्किल दौर है।
- भ्रम की जो स्थिति बनी हुई है, उसका कोई आधार नहीं है।
- भ्रम की स्थिति से निपटने के लिए जो बन पड़ेगा, करेंगे।
कई राज्यों में बैन
इससे पूर्व मैगी में लैड और एमएसजी की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाए जाने के बाद कई राज्यों ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिसमें दिल्ली, बिहार मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और असम समेत कई राज्य शामिल हैं। वहीं नेपाल सरकार ने भी भारत से नेपाल में आने वाली मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी।
हरियाणा में सैंपल की रिपोर्ट आज आएगी सामने
हरियाणा सरकार की ओर से जांच के लिए भेजे गए मैगी की नमूनों की आज रिपोर्ट सामने आएगी। देशभर में मैगी को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद हरियाणा सरकार ने राज्यभर से मैगी का सैंपल जांच के लिए भेजा था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के मुताबिक, नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। मैगी में तय मात्रा से ज्यादा सीसा और एमएसजी पाए जाने के बाद इसे जांच के लिए भेजा गया था।
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