 
                                            मधेसी प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                काठमांडू: 
                                        नेपाल के नए संविधान में और अधिकारों एवं प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे करीब 1,000 मधेसियों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के प्रदर्शनकारियों की सोमवार को पुलिस के साथ झड़प हुई। प्रधानमंत्री केपी ओली ने चेतावनी दी कि अगर प्रदर्शनकारी हिंसक हुए तो सरकार चुप नहीं बैठेगी।
काठमांडू में नए सिरे से शुरू हुए प्रदर्शनों के तहत करीब 1,000 प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारेबाजी लगाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे, हालांकि उनको पहले ही रोक लिया गया। जब उन्होंने पुलिस अवरोधकों को रोकने की काशिश की तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए दंगा रोधी पुलिस ने लाठियां भांजी। पुलिस के साथ झड़प में तीन मधेसी कार्यकर्ता घायल हो गए। दो राहगीरों को भी चोटें आई हैं। सात मधेसी राजनीतिक पार्टियों और 22 अन्य समूहों के प्रतिनिधि मोर्चा 'फेडरल अलायांस' ने कहा है कि वह मंगलवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का घेराव करेगा।
सिंह दरबार सचिवालय परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यहीं पर प्रधानमंत्री कार्यालय और सरकारी दफ्तर हैं। इलाके में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सैकड़ों दंगा रोधी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
फेडरल अलायंस के प्रवक्ता परशुराम तमांग ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने सैकड़ों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को रोका तथा उनसे अनावश्यक रूप से पूछताछ की, झंडे जब्त कर लिए और उनकी तलाशी ली।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
                                                                        
                                    
                                काठमांडू में नए सिरे से शुरू हुए प्रदर्शनों के तहत करीब 1,000 प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारेबाजी लगाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे, हालांकि उनको पहले ही रोक लिया गया। जब उन्होंने पुलिस अवरोधकों को रोकने की काशिश की तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए दंगा रोधी पुलिस ने लाठियां भांजी। पुलिस के साथ झड़प में तीन मधेसी कार्यकर्ता घायल हो गए। दो राहगीरों को भी चोटें आई हैं। सात मधेसी राजनीतिक पार्टियों और 22 अन्य समूहों के प्रतिनिधि मोर्चा 'फेडरल अलायांस' ने कहा है कि वह मंगलवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का घेराव करेगा।
सिंह दरबार सचिवालय परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यहीं पर प्रधानमंत्री कार्यालय और सरकारी दफ्तर हैं। इलाके में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सैकड़ों दंगा रोधी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
फेडरल अलायंस के प्रवक्ता परशुराम तमांग ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने सैकड़ों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को रोका तथा उनसे अनावश्यक रूप से पूछताछ की, झंडे जब्त कर लिए और उनकी तलाशी ली।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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