यह ख़बर 20 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बेनी और श्रीलंका के मुद्दों पर लोस में हंगामा, बैठक दिनभर के लिए स्थगित

खास बातें

  • द्रमुक के संप्रग सरकार से अलग होने के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बुधवार को सपा नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के इस्तीफे की मांग कर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच खटास पैदा करने की क
नई दिल्ली:

द्रमुक के संप्रग सरकार से अलग होने के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बुधवार को सपा नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के इस्तीफे की मांग कर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच खटास पैदा करने की कोशिश की।

दूसरी ओर अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्यों ने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर सदन में जमकर नारेबाजी की। इन मुद्दों पर हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद करीब पौने एक बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एक बार के स्थगन के बाद बारह बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर बेनी प्रसाद वर्मा का मामला उठाया और कहा कि मुलायम सिंह वरिष्ठ सम्मानित नेता हैं और सरकार के समर्थक दल के मुखिया भी। सत्ता पक्ष के किसी मंत्री को अपशब्द कहने का कोई अधिकार नहीं है।

सुषमा ने कहा कि माफी मांगने की बजाय वर्मा ने न केवल अपने आरोपों को दोहराया बल्कि कुछ और आरोप जोड़ दिए। उन्होंने कहा कि वर्मा मुलायम के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करें या फिर माफी मांगें।

उन्होंने कहा कि भाजपा और सपा के बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन यह सदन के विशेषाधिकार का मामला है।

विपक्ष की नेता ने इसे विशेषाधिकार हनन का मुद्दा बताते हुए इस मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने और वर्मा को मंत्रिमंडल से बख्रास्त किए जाने की मांग की। जनता दल यू नेता शरद यादव और माकपा नेता बासुदेव आचार्य भी इस मुद्दे पर अपनी बात कहना चाहते थे लेकिन उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और बैठक कुछ ही देर बाद साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी सीट से उठकर मुलायम सिंह यादव के पास जाकर उनसे बात की। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी बाद में मुलायम के साथ बैठकर चर्चा करते देखे गए। साढ़े 12 बजे जब सदन की कार्यवाही पुन: शुरू हुई तो अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्य फिर से आसन के समक्ष आकर श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी करने लगे।

पीठासीन सभापति फ्रांसिस्को सारदिन्हा ने सदन को चलाने का प्रयास किया। इसी हंगामे के बीच ही भाजपा के विष्णु पद राय ने अपना ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव रखा लेकिन हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही करीब पौने एक बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

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इससे पहले, सपा सदस्य आज सुबह भी प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष आए थे और नारेबाजी की थी। उधर, अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों ने भी प्रश्नकाल और शून्यकाल में श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा उठाया और आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की। इसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदन में प्रश्नकाल भी नहीं हो सका।