प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
कर्नाटक के लोकायुक्त भास्कर राव के बेटे आश्विन राव के खिलाफ आखिरकार लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज कर ही लिया। हालांकि, जांच और एफआईआर पर रोक लगाने के लिए लोकायुक्त और उनके बेटे अश्विन राव ने सभी दांव पेंच खेले।
लोकायुक्त भास्कर राव के बेटे अश्विन राव ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई कि रिश्वतखोरी के जिस मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस कर रही है, उस पर तुरंत रोक लगाई जाए क्योंकि राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है और ऐसे मामलों की जांच बाहरी एजेंसी बेहतर तरीके से कर सकती है।
कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एन. कुमार और जस्टिस एस. गौड़ा की पीठ ने लोकायुक्त पुलिस की जांच पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया कि जब तक एसआईटी अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक कोई दूसरी एजेंसी इस मामले की जांच नहीं करेगी।
अगर हाईकोर्ट का फैसला आड़े ना आता तो लोकायुक्त पुलिस लोकायुक्त जस्टिस भास्कर राव के बेटे अश्विन राव को जालसाज़ी और फिरौती वसूलने के आरोप में गिरफ्तार कर लेती। हालांकि, हाईकोर्ट के ऑर्डर से पहले लोकायुक्त की एसपी सोनिया नारंग ने आईपीसी की धारा 120 बी, 419 और 384 के तहत एफआईआर नंबर 56/2015 दर्ज कर लिया। एफआईआर के मुताबिक कृष्णा राव ही अश्विन राव है।
उधर, वकीलों ने बुधवार सुबह से ही लोकायुक्त दफ़्तर के बाहर नारेबाज़ी कर लोकायुक्त के इस्तीफ़े की मांग करते रहे। बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त दफ्तर में अधिकारियों को बुलाकर धमकाया जाता है, ताकि वो जो रिश्वत मांगी जा रही है वो दे नहीं तो उनपर लोकायुक्त का छापा मारा जाएगा। आरोपों के मुताबिक ये सब कुछ लोकायुक्त की शह पर हुआ और उनके बेटे अश्विन राव ने ऐसा कर तकरीबन 100 करोड़ रुपए ऐंठे।
लोकायुक्त भास्कर राव के बेटे अश्विन राव ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई कि रिश्वतखोरी के जिस मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस कर रही है, उस पर तुरंत रोक लगाई जाए क्योंकि राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है और ऐसे मामलों की जांच बाहरी एजेंसी बेहतर तरीके से कर सकती है।
कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एन. कुमार और जस्टिस एस. गौड़ा की पीठ ने लोकायुक्त पुलिस की जांच पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया कि जब तक एसआईटी अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक कोई दूसरी एजेंसी इस मामले की जांच नहीं करेगी।
अगर हाईकोर्ट का फैसला आड़े ना आता तो लोकायुक्त पुलिस लोकायुक्त जस्टिस भास्कर राव के बेटे अश्विन राव को जालसाज़ी और फिरौती वसूलने के आरोप में गिरफ्तार कर लेती। हालांकि, हाईकोर्ट के ऑर्डर से पहले लोकायुक्त की एसपी सोनिया नारंग ने आईपीसी की धारा 120 बी, 419 और 384 के तहत एफआईआर नंबर 56/2015 दर्ज कर लिया। एफआईआर के मुताबिक कृष्णा राव ही अश्विन राव है।
उधर, वकीलों ने बुधवार सुबह से ही लोकायुक्त दफ़्तर के बाहर नारेबाज़ी कर लोकायुक्त के इस्तीफ़े की मांग करते रहे। बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त दफ्तर में अधिकारियों को बुलाकर धमकाया जाता है, ताकि वो जो रिश्वत मांगी जा रही है वो दे नहीं तो उनपर लोकायुक्त का छापा मारा जाएगा। आरोपों के मुताबिक ये सब कुछ लोकायुक्त की शह पर हुआ और उनके बेटे अश्विन राव ने ऐसा कर तकरीबन 100 करोड़ रुपए ऐंठे।
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