समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी आजम खान चुनाव के दौरान जयप्रदा को लेकर की गई टिप्पणी में घिरते नजर आए थे. इतना ही नहीं भड़काऊ भाषण के मामले में उन पर चुनाव प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और उनको दो-दो नोटिस भी झेलने पड़ गए. रामपुर के जिलाधिकारी आजेन्य कुमार सिंह ने उस समय बताया ''आजम खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (किसी स्त्री की मर्यादा का अनादर करने के आशय से कोई अश्लील शब्द कहना या हावभाव प्रकट करना) और कुछ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है.'' निर्वाचन आयोग ने जयाप्रदा के बारे में रविवार को दिये गये खान के आपत्तिजनक बयान को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन माना और कड़ी फटकार लगायी. साथ ही अगले तीन दिन तक प्रचार करने से रोक दिया है. फिलहाल रामपुर में दूसरे चरण में ही मतदान हो गया था और अब 23 मई को आने वाले नतीजों का इंतजार है. इन्हीं सब मुद्दों पर हमारे सहयोगी शारिख खान ने आजम खान से खास बातचीत की है.
सवाल- इस तरह का चुनाव प्रचार क्या कभी आपने देखा था?
जवाब- मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी में नहीं देखा और अपने बड़ों से सुना भी नहीं. ये प्रचार था ही नहीं.
सवाल- इस बार आपको क्या लगता है? 23 को लेकर बेचैनी है, आज़म खान का क्या टेक है?
जवाब- हम चार बार सरकार में रहे और हर बार अगली सरकार वापस नहीं आई. लेकिन हम यहीं समझते रहे कि हमारी सरकार पहले से ज्यादा मज़बूती से वापस आ रही है. ये ख्वाब तो हर सरकार वाला देखता है. अगर मोदी जी देख रहे हैं तो उनकी गलती नहीं है.
सवाल- हम ये जानना चाहते है कि आज़म खान जब बोलते हैं तो विवाद क्यों हो जाता है?
जवाब - इसलिए कि सच बोलता हूं क्या गलती करता हूं.
सवाल- एक महिला पर बयान देने का आरोप आप पर लगा.
जवाब- मेरा ये स्तर भी नहीं हो गया और जहां तक मेरी ज़िंदगी का एक लंब सियासत और शराफत का सफर है, मैं बच्चियों के लिए चार स्कूल चलाता हूं. एक युनिवर्सिटी चलाता हूं. दो दिन तक मेरी मरी मां को गालियां दी गईं. मेरे बाप को गालियां दी गईं. कौन सी गंदी बात है जो मेरे बारे में नहीं कहा गया.
सवाल- क्या बालाकोट का असर पड़ा है?
जवाब - ये जो कुछ मिलेगा उसी की वजह से मिलेगा.
सवाल- अगर विपक्ष सरकार बनाने में कामयाब रहा तो पीएम कौन होगा?
जवाब- देखिए इसके लिए आपको इतनी जल्दी क्यों है. हमारे पास कई पीएम कैंडिडेट हैं उनमें से चुनेंगे. बीजेपी के पास तो कोई है ही नहीं, अलावा चाय और पकौड़े के.
सवाल- क्या कांग्रेस ने यूपी में गठबंधन को नुकसान पहुचाया है?
जवाब - नुकसान तो ज़हिर है. अगर चार वोट भी कटे हैं तो नुकसान पहुंचा है. इस नुकसान कि शुरुआत कांग्रेस ने एमपी और राजस्थान से की थी. अगर थोड़ा सा दिल बड़ा किया होता तो.. देखिए कांग्रेस कि ज़हनियत (सोच) भी यही है कि वो चाहते हैं कि सिर्फ हम.
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