टिड्डी दल के हमले के कारण कई राज्यों के किसान दहशत में हैं
Locusts Attack: कोरोना वायरस की महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण पहले ही मुश्किल में फंसे देश के किसानों की मुश्किलें पाकिस्तान से आए टिड्डियों के दल (Locusts Attack) ने और बढ़ा दी है. मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी जैसे प्रदेश का टिड्डियों की यह मार झेलनी पड़ी है. इस आपदा को समय रहते काबू नहीं किया तो मूंग, कपास और मिर्ची की फसल को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
टिड्डियों के इस प्रकोप से जुड़ी 10 बातें...
- टिड्डियों का यह दल ईरान, पाकिस्तान सहित अफ्रीका को भी मुश्किल में डाल चुका है. माना जा रहा है कि ये टिड्डी दल पाकिस्तान से चलकर यहाँ पहुंचा है.
- राजस्थान से मंदसौर होते हुए टिड्डियों का दल मध्यप्रदेश में घुसा है. किसान ढोल, थाली, पटाखे और स्प्रे से इन्हें भगाने का प्रयास कर रहे हैं. धुआं करके भी टिड्डी दल को भगाने की कोशिश की जा रही है.
- राजस्थान में तो गांवों के अलावा शहरों के कुछ रिहायशी इलाकों में भी टिड्डी दल के कारण दहशत का आलम रहा. राजधानी जयपुर के कुछ खास इलाकों में इस टिड्डी दल पेड़ों पर दिखा था.
- राजस्थान में रिहायशी इलाकों में टिड्डी दल के हमले के बाद प्रशासन ने कृषि विभाग और नगर निगम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
- पिछले साल भी राजस्थान ने टिड्डियों का हमला झेला था.राजस्थान के कई जिलों में फसल को इसके कारण खासा नुकसान हुआ था. राजस्थान सरकार ने नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी.
- मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र भी टिड्डी दल के हमले का सामना कर रहा है. रेहटी तहसील के गांवों में सीहोर से होते हुई टिड्डी दल पटत्तलाई, झोलियापुर, बारदा, नरेला, कोठरा ,चक्लदी जैसे गांवों में किसानों की फिक्र बढ़ाने लगा है.
- टिड्डी दल राजस्थान, मध्य प्रदेश होते हुए यूपी भी पहुंच चुका है. यूपी खासकर राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र के किसान इस टिड्डी दल के कारण दहशत में हैं. पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों को भी टिड्डी दल के हमले का शिकार बनना पड़ा है.
- किसान इस टिड्डी दल को भगाने के लिए पूरे जतन कर रहे हैं. ढोल-थाली बजाने और पटाखे छोड़ने के अलावा स्प्रे का इस्तेमाल भी टिड्डी दल को भगाने के लिए किया जा रहा है.
- टिड्डी दल में करोड़ों की संख्या में लगभग दो ढाई इंच लंबे कीट होते हैं. किसान के खेत कुछ ही घंटों में यह दल साफ कर देता है.
- कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने स्तर पर समूह बनाकर खेतों में रात के समय निगरानी करें. शाम 7 से 9 बजे के बीच टिड्डी दल रात्रि विश्राम के लिए कहीं भी बैठ सकता है, जिसकी पहचान एवं जानकारी के लिए स्थानीय स्तर पर दल का गठन कर सतत निगरानी की जाए.