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This Article is From Jun 24, 2020

लॉकडाउन में लगा है परिवार की आमदनी को झटका, प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे बच्चे

कोरोनावायरस के चलते लागू लॉकडाउन में लाखों लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है, बड़ी संख्या में लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है, ऐसे में पंजाब और हरियाणा में एक नई चीज सामने आ रही हैं. यहां के बहुत से परिवार अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिल करा रहे हैं क्योंकि अब वो प्राइवेट स्कूल का खर्च नहीं उठा सकते.

लॉकडाउन में लगा है परिवार की आमदनी को झटका, प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे बच्चे
प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे छात्र. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
चंडीगढ़:

कोरोनावायरस के चलते लागू लॉकडाउन में लाखों लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है, बड़ी संख्या में लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है, ऐसे में पंजाब और हरियाणा में एक नई चीज सामने आ रही हैं. यहां के बहुत से परिवार अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिल करा रहे हैं क्योंकि अब वो प्राइवेट स्कूल का खर्च नहीं उठा सकते. कोविड-19 के चलते मार्च के अंत से देशभर में लागू लॉकडाउन ने बहुतों की आर्थिक हालत को खस्ता कर दिया है, जिसके बाद यहां के कुछ स्कूली बच्चों के माता-पिता प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं भर सकते. 

पंजाब के मोगा जिले के लक्षप्रीत सिंह ने प्राइवेट स्कूल से मार्च में 10वीं की परीक्षा दी थी. उसे आगे की पढ़ाई अब सरकारी स्कूल में करनी होगी क्योंकि एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले उसके पिता की लॉकडाउन में नौकरी चली गई और वो उसकी फीस नहीं भर सकते इसलिए लक्षप्रीत अब सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहता है. लक्षप्रीत ने बताया, 'मैंने प्राइवेट स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की है लेकिन लॉकडाउन के चलते मेरे पिता की आमदनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है इसलिए मैंने सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने का फैसला किया है. यहां दूसरी सुविधाओं के साथ खाना भी मिलता है.'

बता दें कि 2019-20 में सरकारी स्कूलों में कुल छात्रों की संख्या 23.52 लाख थी, जो 2020-21 के सत्र में 25.62 लाख हो गई है. प्री-प्राइमरी क्लासेज़ में एडमिशन की संख्या 2.25 लाख से बढ़कर 2.95 लाख हो गई है. कक्षा 9वीं और 10वीं में 3.91 से बढ़कर 4.13 और कक्षा 11वीं और 12वीं में 3.12 लाख से बढ़कर 3.69 लाख हो गई है. हालांकि, इसके लिए पंजाब के शिक्षामंत्री विजय इंदर सिंगला ने सरकारी स्कूलों में बढ़ रही बेहतर सुविधा को बताया है. उन्होंने कहा, 'सरकारी स्कूलों पर नीतियों और सुविधाओं के लिए हमारी सरकार बेहतर फैसले ले रही है, जिसके चलते बच्चे प्राइवेट से सरकारी में शिफ्ट कर रहे हैं. हमने बच्चों के परफॉर्मेंस के आधार पर टीचरों के ट्रांसफर करने की नीति बनाई है, जिससे उनकी जवाबदेही बढ़ी है. हमारी सरकार ने स्मार्ट स्कूल बनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर जोर दिया है.'

हरियाणा में ही ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. यहां भी बच्चे प्राइवेट स्कूलों से निकलकर सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं. यहां सरकार ने प्राइवेट से सरकारी में स्विच कर रहे छात्रों के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट अनिवार्य होने का नियम भी हटा दिया है. हरियाणा में कुल 52 लाख छात्रों में से लगभग आधे छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं. राज्य में लगभग 24,000 स्कूल हैं, जिनमें से 14,500 सरकारी हैं, बाकी प्राइवेट. जाहिर है यहां सरकार की नीतियां प्राइवेट स्कूलों को नहीं भा रहीं. 

Video: कोरोना काल में फीस को लेकर सवालों में स्कूल

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