गिलगित:
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी कैंपों के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आतंकी कैंपों के खिलाफ प्रदर्शन में स्थानीय नेताओं और लोगों का कहना था कि इन कैंपों की वजह से उनकी जिंदगी 'नर्क' जैसी हो गई है.
पीओके में मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिलगित, दियमेर और नीलम घाटी के निवासियों का दावा है कि इस इलाके में आतंकियों के प्रशिक्षण के लिए चलाई जा रही कैंपों की वजह से उनकी जिंदगी काफी प्रभावित हुई है.
पीओके में यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय देखने को मिल रहा है, जब पाकिस्तान ने एलओसी के पार इस इलाके में आतंकी शिवरों पर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के दावों को खारिज किया है.
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा बलों से इन आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए कदम उठाने की मांग की. ऐसे ही एक प्रदर्शनकारी कहते है, 'आतंकियों को शरण देने से किसी समस्या का समाधान नहीं होने वाला.' वहीं एक अन्य चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अगर दियामेर, गिलगित, बसीन में इन शिविरों को खत्म नहीं किया गया, तो हालात अपने हाथ में लेने को मजबूर हो जाएंगे.
इससे पहले खुफिया अधिकारियों की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत पर हमले की मंशा लिए करीब 100 आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार करने की फिराक में हैं. सूत्रों ने मुताबिक, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की समिति (सीसीएस) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की रिपोर्ट में बताया गया.
सुरक्षा एजेंसियों और सेना को इस बात की चिंता है कि ठंड आने पर यह इलाका बर्फ से ढक जाएगा और ऐसे में पाकिस्तान सुरक्षा बलों पर हमले और कश्मीर में फिर से हिंसा भड़काने के मकसद से बड़ी संख्या में आतंकियों को भारत भेजने की कोशिश करेगा. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है.
देखें वीडियो-
पीओके में मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिलगित, दियमेर और नीलम घाटी के निवासियों का दावा है कि इस इलाके में आतंकियों के प्रशिक्षण के लिए चलाई जा रही कैंपों की वजह से उनकी जिंदगी काफी प्रभावित हुई है.
पीओके में यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय देखने को मिल रहा है, जब पाकिस्तान ने एलओसी के पार इस इलाके में आतंकी शिवरों पर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के दावों को खारिज किया है.
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा बलों से इन आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए कदम उठाने की मांग की. ऐसे ही एक प्रदर्शनकारी कहते है, 'आतंकियों को शरण देने से किसी समस्या का समाधान नहीं होने वाला.' वहीं एक अन्य चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अगर दियामेर, गिलगित, बसीन में इन शिविरों को खत्म नहीं किया गया, तो हालात अपने हाथ में लेने को मजबूर हो जाएंगे.
इससे पहले खुफिया अधिकारियों की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत पर हमले की मंशा लिए करीब 100 आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार करने की फिराक में हैं. सूत्रों ने मुताबिक, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की समिति (सीसीएस) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की रिपोर्ट में बताया गया.
सुरक्षा एजेंसियों और सेना को इस बात की चिंता है कि ठंड आने पर यह इलाका बर्फ से ढक जाएगा और ऐसे में पाकिस्तान सुरक्षा बलों पर हमले और कश्मीर में फिर से हिंसा भड़काने के मकसद से बड़ी संख्या में आतंकियों को भारत भेजने की कोशिश करेगा. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है.
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