हाल ही में बने कृषि संबंधी तीन कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हुआ है, और ढेरों किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए ही कड़ाके की सर्दी के बावजूद सड़कों पर आंदोलनरत हैं. सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को सड़कों से हटाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र, पंजाब तथा हरियाणा की सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, और इस मुद्दे पर कमेटी बनाने की भी घोषणा की है. उधर, आंदोलनरत किसानों ने बुधवार को दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया है, लेकिन दिल्ली से नोएडा में प्रवेश का रास्ता खुला छोड़ दिया गया है. इस बीच, केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन में जुटे किसानों को समर्थन देने के लिए उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें भी खुलकर सामने आ गई हैं.
Here are the Updates for Farmers' Protests:
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब तीन हफ्तों से दिल्ली के बॉर्डर पर जारी प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि इस मामले में पंजाब के किसान संगठनों सहित देश के कई किसान संगठनों से हमारी बातचीत चल रही है और जल्दी ही इसका समाधान निकल आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार के लक्ष्य से बनाये गए कृषि कानूनों के प्रति जन जागरुकता लाने के लिए भाजपा द्वारा ग्वालियर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल होने से पहले मीडिया से बात करते हुए तोमर ने कहा, ''पंजाब (के किसान संगठनों) सहित कई किसान संगठनों से बात चल रही है और जल्दी ही इसका समाधान निकल आएगा.''
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, नए कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेताओं ने बुधवार को फिर से नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग को अवरुद्ध कर दिया. भाकियू (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा, ''जब तक केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती और किसान आयोग का गठन नहीं करती, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा.'' उन्होंने कहा कि पांच दिनों तक चिल्ला बॉर्डर खुला रहा, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसान आयोग बनाने की कोई पहल नहीं की गई.
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे हैं और ऐसे में केंद्र सरकार को अपना 'अहंकार' और 'हठ' त्याग देना चाहिए. आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली इकाई के संयोजक राय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार और उनकी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और प्रदर्शन के दौरान उनके लिए कुछ व्यवस्थाएं भी कर रही है. सिंघू बॉर्डर पर जाने के बाद राय ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने किसानों के लिए लंगर सेवा, पानी और शौचालय की व्यवस्था की है. करीब तीन सप्ताह से हजारों की संख्या में किसान यहां मौजूद हैं.
किसान हित में एक और कदम बढ़ाते हुए PM @NarendraModi जी की सरकार ने गन्ना किसानों को ₹3,500 करोड़ का भुगतान सीधा बैंक खातों में किये जाने का निर्णय लिया है।
- Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 16, 2020
इससे सिस्टम में पारदर्शिता आने के साथ ही समय से भुगतान भी सुनिश्चित होगा। #GovtWithGannaKisan
📖https://t.co/VayQtuNEIh pic.twitter.com/oE9lTncG16