दिल्ली में एक टैक्सी में रेप केस के बाद लगी पाबंदी से उबर जैसी उन तमाम टैक्सी सर्विस कंपनियों को राहत मिल गई है। अब ऐप आधारित सर्विस पर लगी पाबंदी हटा दी गई है, जिसके बाद कंपनी दिल्ली में फिर से सेवाएं शुरू कर सकेगी।
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने रेडियो टैक्सी स्कीम 2006 में बदलाव किए हैं, जिन्हें तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा बनाए गए नए नियमों के अनुसार रेडियो टैक्सी सेवा प्रदाता को या तो अपना काल सेंटर रखना होगा या किसी अधिकृत काल सेंटर या वेब पोर्टल के जरिए अपनी सेवाएं परिचालित करनी होंगी और उन्हें इसका विवरण परिवहन विभाग को देना होगा।
नए कानून राजधानी में चलने वाली सभी कैब सेवाओं पर लागू होंगे और एनसीआर परमिट वाली रेडियो टैक्सी को ही राजधानी में चलने दिया जाएगा। ऑल इंडिया परमिट वाली टैक्सियों को शहर में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए नियमों के तहत कंपनी को चालक के व्यवहार की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी और इन कंपनियों को परिवहन विभाग में अपना पंजीकरण करवाना होगा। इसके अलावा रेडियो टैक्सी में जीपीएस और जीपीआरएस आधारित टैकिंग सेवा, प्रिंटर और डिस्पले पैनल होना जरूरी होगा।
रेडियो टैक्सी सेवा को सरकार को अपने चालकों का डाटा बेस उपलब्ध कराना होगा। कैब सेवा को पैनिक बटन भी उपलब्ध कराना होगा। अधिकारियों ने कहा कि कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनी को लाइसेंस दिए जाएंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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