पश्चिम बंगाल में गठबंधन के मुद़दे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की।
कोलकाता:
बिहार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी का सामना करने के लिए वामदलों के साथ चुनावी गठबंधन की बात सोमवार को इस मसले पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले राज्य के ज्यादातर पार्टी नेताओं के दिमाग में थी।
राहुल ने हमारी बात ध्यान से सुनी : चौधरी
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि जमीनी स्तर के ज्यादातर पार्टी कार्यकर्ता राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बजाय 'लेफ्ट' के साथ गठबंधन चाहते हैं। राज्य के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने बताया, 'हमारी राहुल गांधी से लंबी बातचीत हुई। उन्होंने हमारी बात ध्यान से सुनी। हालांकि हम निजी विचार व्यक्त करने पहुंचे थे, लेकिन राहुलजी ने आश्वस्त किया है कि इन सभी विचारों को ध्यान में रखा जाएगा।'
'लेफ्ट' के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं अधीर रंजन
रिपोर्टर्स से बात करते हुए चौधरी ने कहा, 'मैं नहीं कह सकता कि कांग्रेस और माकपा के बीच गठबंधन हो गया है। राहुल गांधी ने हमे आश्वस्त किया है कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से चर्चा के बाद वे गठबंधन के मामले को 'खत्म' करेंगे।' अधीर रंजन को पश्चिम बंगाल के उन कांग्रेस नेताओं में गिना जाता है जो वामदलों के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि विधानसभा में सत्ताधारी पार्टी को चुनौती देने का यही विकल्प है।
गठजोड़ के मुद्दे पर पार्टीजनों की है अलग-अलग राय
सूत्र बताते हैं कि राज्य में वाम दलों के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर पार्टीजनों की राय अलग-अलग है क्योंकि केरल के विधानसभा चुनावों में यह कांग्रेस के लिए प्रबल प्रतिद्वंद्वी है। कुछ नेताओं को यह डर भी सता रहा है कि यदि उन्होंने 'लेफ्ट' से हाथ मिलाया तो कांग्रेस पार्टी को तृणमूल कांग्रेस कभी माफ नहीं करेगी। इनका कहना है कि पार्टी के गठबंधन का वर्ष 2019 के आम चुनावों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी फैसला लेते समय ध्यान में रखा जाए। गौरतलब है कि वरिष्ठ माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य और सीताराम येचुरी ने तृणमूल का मुकाबला करने के लिए यूनाइटेड फ्रंट की वकालत कर रहे हैं।वाम दलों ने हाल ही में संकेत दिया है कि राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने सभी विकल्प खुले रखे हैं।
राहुल ने हमारी बात ध्यान से सुनी : चौधरी
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि जमीनी स्तर के ज्यादातर पार्टी कार्यकर्ता राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बजाय 'लेफ्ट' के साथ गठबंधन चाहते हैं। राज्य के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने बताया, 'हमारी राहुल गांधी से लंबी बातचीत हुई। उन्होंने हमारी बात ध्यान से सुनी। हालांकि हम निजी विचार व्यक्त करने पहुंचे थे, लेकिन राहुलजी ने आश्वस्त किया है कि इन सभी विचारों को ध्यान में रखा जाएगा।'
'लेफ्ट' के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं अधीर रंजन
रिपोर्टर्स से बात करते हुए चौधरी ने कहा, 'मैं नहीं कह सकता कि कांग्रेस और माकपा के बीच गठबंधन हो गया है। राहुल गांधी ने हमे आश्वस्त किया है कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से चर्चा के बाद वे गठबंधन के मामले को 'खत्म' करेंगे।' अधीर रंजन को पश्चिम बंगाल के उन कांग्रेस नेताओं में गिना जाता है जो वामदलों के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि विधानसभा में सत्ताधारी पार्टी को चुनौती देने का यही विकल्प है।
गठजोड़ के मुद्दे पर पार्टीजनों की है अलग-अलग राय
सूत्र बताते हैं कि राज्य में वाम दलों के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर पार्टीजनों की राय अलग-अलग है क्योंकि केरल के विधानसभा चुनावों में यह कांग्रेस के लिए प्रबल प्रतिद्वंद्वी है। कुछ नेताओं को यह डर भी सता रहा है कि यदि उन्होंने 'लेफ्ट' से हाथ मिलाया तो कांग्रेस पार्टी को तृणमूल कांग्रेस कभी माफ नहीं करेगी। इनका कहना है कि पार्टी के गठबंधन का वर्ष 2019 के आम चुनावों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी फैसला लेते समय ध्यान में रखा जाए। गौरतलब है कि वरिष्ठ माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य और सीताराम येचुरी ने तृणमूल का मुकाबला करने के लिए यूनाइटेड फ्रंट की वकालत कर रहे हैं।वाम दलों ने हाल ही में संकेत दिया है कि राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने सभी विकल्प खुले रखे हैं।
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