प्रतीकात्मक चित्र
अगरतला:
त्रिपुरा के नगर निकाय चुनाव में शनिवार को माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने भारी जीत दर्ज की है। राज्य में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने अगरतला नगर निगम (एएमसी) सहित सभी 20 नगर निकायों पर कब्जा कर लिया है।
वाम दलों ने लगातार चौथी बार 49-सदस्यीय एएमसी पर अपना कब्जा बरकरार रखा है, जबकि वाम मोर्चा ने 12 नगरपालिका परिषदों और सभी छह नगर पंचायतों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। वाम मोर्चा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से उत्तरी त्रिपुरा में अम्बासा नगर परिषद छीन लिया है।
त्रिपुरा में 144 वर्ष पुराने अगरतला नगर निगम, 13 नगरपालिका परिषदों और पांच नगर पंचायतों के लिए बुधवार को चुनाव हुए थे। कुल 537,968 मतदाताओं में से लगभग 89 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनावी जंग में कुल 886 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 429 महिलाएं थीं। वाम मोर्चा ने पश्चिमी त्रिपुरा में जिरानिया नगर पंचायत को चुनाव से पहले ही जीत लिया था, क्योंकि इसकी सभी सीटों पर कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में ही नहीं था।
सत्ताधारी वाम मोर्चा के अलावा स्थानीय नगर निकाय चुनाव लड़ने वाले मुख्य दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, 20 नगर निकायों की 310 सीटों में से वाम दलों ने 291 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस को 13 सीटें मिली हैं, भाजपा को चार सीटें और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। 49-सदस्यीय एएमसी में वाम दलों ने 45 सीटें जीती है और कांग्रेस को चार सीटें मिली हैं।
माकपा उम्मीदवार और एएमसी के मेयर, प्रफुल्लजीत सिन्हा, उप महापौर समर चक्रवर्ती के साथ ही फूलन भट्टाचार्य, गार्गी रॉय चौधरी और विश्वनाथ साहा (फॉरवर्ड ब्लॉक) एएमसी के लिए जीत दर्ज कराने वाले प्रमुख लोगों में हैं। जबकि, कांग्रेस के महापौर पद के उम्मीदवार अमर रंजन गुप्ता और बसाना देबनाथ और पन्ना देब उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि 144 वर्ष प्राचीन अगरतला नगर निगम पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे पुराना नगर निकाय है। अगरतला नगर पालिका का गठन 1871 में हुआ था, जो अभी दो साल पहले नगर निगम में बदल गया है।
वाम दलों ने लगातार चौथी बार 49-सदस्यीय एएमसी पर अपना कब्जा बरकरार रखा है, जबकि वाम मोर्चा ने 12 नगरपालिका परिषदों और सभी छह नगर पंचायतों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। वाम मोर्चा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से उत्तरी त्रिपुरा में अम्बासा नगर परिषद छीन लिया है।
त्रिपुरा में 144 वर्ष पुराने अगरतला नगर निगम, 13 नगरपालिका परिषदों और पांच नगर पंचायतों के लिए बुधवार को चुनाव हुए थे। कुल 537,968 मतदाताओं में से लगभग 89 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनावी जंग में कुल 886 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 429 महिलाएं थीं। वाम मोर्चा ने पश्चिमी त्रिपुरा में जिरानिया नगर पंचायत को चुनाव से पहले ही जीत लिया था, क्योंकि इसकी सभी सीटों पर कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में ही नहीं था।
सत्ताधारी वाम मोर्चा के अलावा स्थानीय नगर निकाय चुनाव लड़ने वाले मुख्य दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, 20 नगर निकायों की 310 सीटों में से वाम दलों ने 291 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस को 13 सीटें मिली हैं, भाजपा को चार सीटें और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। 49-सदस्यीय एएमसी में वाम दलों ने 45 सीटें जीती है और कांग्रेस को चार सीटें मिली हैं।
माकपा उम्मीदवार और एएमसी के मेयर, प्रफुल्लजीत सिन्हा, उप महापौर समर चक्रवर्ती के साथ ही फूलन भट्टाचार्य, गार्गी रॉय चौधरी और विश्वनाथ साहा (फॉरवर्ड ब्लॉक) एएमसी के लिए जीत दर्ज कराने वाले प्रमुख लोगों में हैं। जबकि, कांग्रेस के महापौर पद के उम्मीदवार अमर रंजन गुप्ता और बसाना देबनाथ और पन्ना देब उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि 144 वर्ष प्राचीन अगरतला नगर निगम पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे पुराना नगर निकाय है। अगरतला नगर पालिका का गठन 1871 में हुआ था, जो अभी दो साल पहले नगर निगम में बदल गया है।
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