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This Article is From Aug 04, 2011

जमीन अधिग्रहण कानून एक धोखा है : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: औद्योगीकरण और आवासीय योजनाओं के लिए सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण की बढ़ती घटनाओं पर त्योरियां चढ़ाते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि जमीन अधिग्रहण कानून को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि यह एक धोखा है जो कुछ बीमार लोगों द्वारा बनाया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को एक नैतिक प्रोत्साहन देते हुए उच्चतम न्यायालय ने उसकी जमीन अधिग्रहण नीति के लिए बधाई दी क्योंकि वहां पर जबरन जमीन अधिग्रहण होने की कोई शिकायत नहीं मिली है। जबकि अन्य राज्यों से किसानों और गरीबों के विस्थापित होने की शिकायतों का तांता लगा है। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और एचएल दात्तू की खंडपीठ ने चेतावनी दी कि यदि उपचारात्मक उपाय नहीं किए गए तो पांच साल में ताकतवर लोग निजी जमीन पर कब्जा कर लेंगे और अव्यवस्था फैल जायेगी जबकि जमीन की कीमतें हर तरफ बढ़ती जा रही हैं। खंडपीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा, यह कानून एक धोखा बन गया है। ऐसा लगता है कि यह मानसिक रूप से बीमार लोगों ने बनाया था जिनका आम आदमी के कल्याण से नाममात्र का लेना देना था।

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