काले धन के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बिहार में आक्रामक मुद्रा में दिखती है। बुधवार को आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने कार्यकर्ताओं से पटना के गांधी मैदान में 15 मार्च को पहुंचने का आह्वान किया।
लालू यादव ने काले धन के मुद्दे पर गांधी मैदान से पटना के वीरचंद पटेल स्थित बीजेपी दफ्तर तक मार्च करने का फैसला किया है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि काले धन के मुद्दे को उछालकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो बन गए, लेकिन अब उनकी सरकार कान में तेल डालकर सो रही है, इसलिए सारे कार्यकर्ताओं को अपने पासबुक लेकर आने के लिए कहा गया है।
लालू यादव ने अपने कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी के उस वादे के बारे में जनता को बताने का निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया था कि काले धन वापस लाए जाने पर सभी लोगों के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे। हालांकि आरजेडी प्रमुख ने साफ किया कि मार्च के दौरान बीजेपी दफ्तर पर कोई हिंसक घटना न हो, इसलिए इस मार्च की अगुवाई वह खुद करेंगे और बीजेपी दफ्तर से आधे किलोमीटर दूर यह मार्च रुक जाएगी।
लालू यादव ने बताया कि अगले महीने उनकी सबसे छोटी बेटी की शादी संपन्न हो जाने के बाद वह बिहार के गांवों की और मार्च करेंगे और अपने समर्थकों के बीच जाकर बताएंगे कि पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान कैसे उन्हें हर तरह के वादे कर छला गया।
हालांकि लालू यादव ने इस बात पर कुछ नहीं कहा कि जनता परिवार के विलय की प्रक्रिया आखिर कब शुरू और कब तक पूरी होगी। अलबत्ता उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि विलय को लेकर उनकी पार्टी जल्दीबाजी में नहीं है। रघुवंश प्रसाद सिंह ने यह भी कहा कि जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) इन दिनों दो गुटों में बंटी है, इसलिए नेता कौन होगा, कोई नहीं कह सकता। निश्चित रूप से रघुवंश के इस बयान से साफ है कि विलय की प्रक्रिया फिलहाल धीमी पर गई है।
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