यह ख़बर 06 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

लालू जेल में : आरजेडी की बैठक में राबड़ी देवी को दी गई कमान

खास बातें

  • राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को घोषणा की कि जेल में बंद पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी दोनों संयुक्त रूप से पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे।
पटना:

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को घोषणा की कि जेल में बंद पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी दोनों संयुक्त रूप से पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे।

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पहले ही यह कहा था कि लालू प्रसाद राजद के अध्यक्ष बने रहेंगे। रविवार को उन्होंने घोषणा की कि वह सारण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस क्षेत्र से उनके पति लालू प्रसाद सांसद हैं।

राजद के महासचिव रामकृपाल यादव ने राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पर संवाददाताओं से कहा, "राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ध्वनिमत से फैसला लिया कि लालू प्रसाद जेल से राबड़ी देवी बाहर रहकर पार्टी का नेतृत्व करेंगे। अब लालू-राबड़ी एक साथ पार्टी का नेतृत्व करेंगे।" राजद ने यह भी घोषणा की कि लालू प्रसाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे।

राजद की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसदों ने हिस्सा लिया और लालू प्रसाद के जेल में बंद रहने के दौरान पार्टी को चलाने की रणनीति पर चर्चा की। रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद पार्टी की यह पहली बैठक थी।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा, "बैठक में लालू प्रसाद का जेल से भेजा गया संदेश पढ़ा गया। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से सांप्रदायिकता और सांप्रदायिकतावाद से लड़ने का आग्रह किया है।" इससे पहले राबड़ी ने संवाददाताओं से कहा, "मैं सारण या अन्य कहीं से चुनाव में नहीं उतरूंगी।"

चारा घोटाले में सजा पाने के बाद लालू प्रसाद संसद सदस्य के रूप में अयोग्य हो गए हैं। वह सारण से 2004 और 2009 में विजयी हुए थे। राबड़ी देवी ने यह भी कहा कि उनकी बेटी मीसा भारती भी पटना से चुनाव नहीं लड़ेगी।

विशेष अदालत ने 3 अक्टूबर को लालू प्रसाद को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। वह अभी रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।

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अदालत ने राज्य कोष से 37 करोड़ रुपये धोखाधड़ी से निकालने के मामले में लालू प्रसाद के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और 43 अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।