चेन्नई:
तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्र सरकार से औपचारिक रूप से कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) पर काम रोकने के लिए कहा। राज्य सरकार ने कहा कि परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों की आशंकाएं जब तक दूर नहीं हो जातीं तब तक इस पर काम रोक देना चाहिए। राज्य मंत्रिमंडल ने इस सिलसिले में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया। ज्ञात हो कि इस परियोजना के विरोध में पिछले 11 दिनों से तिरूनेलवेल्ली जिले के कुडनकुलम के समीप इडिन्थकारी गांव में 100 से अधिक लोग अनशन पर बैठे थे। इस परियोजना के तहत न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) रूसी प्रौद्योगिकी एवं उपकरण के साथ 1000 मेगावाट के दो रिएक्टरों का निर्माण कर रहा है। इसके लिए पिछले 10 दिनों से काम हो रहा था और इनमें से एक रिएक्टर इस साल शुरू हो सकता है। वहीं, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने परियोजना की सुरक्षा पर्याप्त बताते हुए लोगों से अपना अनशन समाप्त करने के लिए अनुरोध किया था। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें प्रधानमंत्री को पत्र लिखना पड़ा। जयजलिता के पत्र पर प्रधानमंत्री ने इस मामले को देखने के लिए अपने कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री वी. नारायणसामी को नियुक्ति किया। जयललिता ने बुधवार को नारायणसामी से मुलाकात कर इस सिलसिले में उनसे चर्चा की। नारायणसामी ने बाद में पत्रकारों से कहा, "जयललिता ने प्रधानमंत्री के लिए संदेश दिया है और मैं इस संदेश को उन तक पहुंचा दूंगा।"
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