यह ख़बर 27 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कृष्णा ने पाक से किया सरबजीत को छोड़ने का अनुरोध

खास बातें

  • भारत ने आज पाकिस्तान से वहां के जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत को छोड़ने का अनुरोध किया है।
नई दिल्ली:

भारत ने आज पाकिस्तान से वहां के जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत को छोड़ने का अनुरोध किया है। इससे पहले मंगलवार को सरबजीत को रिहा किए जाने की खबरें आई थीं लेकिन बाद में देर रात पाकिस्तान ने सफाई दी कि उसने एक अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा करने के लिए कदम उठाए हैं जो पिछले तीन दशक से जेल में बंद है।

मंगलवार को पहले यह खबर आई थी कि पाकिस्तान सरबजीत सिंह को रिहा करने जा रहा है लेकिन बाद में राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने सफाई दी कि अधिकारी सुरजीत सिंह की रिहाई की दिशा में काम कर रहे हैं।

भारतीय विदेशमंत्री एसएस कृष्णा ने सरबजीत को छोड़े जाने की खबरों पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को धन्यवाद भी दे दिया था। कृष्णा ने आज सुरजीत को रिहा किए जाने के पाक के फैसले का स्वागत किया लेकिन सरबजीत की रिहाई के लिए नए सिरे से अनुरोध किया।

कृष्णा ने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तान की जेल से सुरजीत सिंह की जल्दी ही रिहाई की खबरें देखी हैं। मैं फैसले का स्वागत करता हूं और सरबजीत सिंह को रिहा करने के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति से नए सिरे से अनुरोध करता हूं, जो दो दशक से अधिक समय से जेल में बंद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आपको पता है कि भारत सरकार ने कई मौकों पर बार-बार पाकिस्तान की सरकार से सरबजीत सिंह के मामले में सहानुभूतिपूर्ण और मानवीय रुख अख्तियार करने को कहा है।’’

कृष्णा ने कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान की सरकार से उन सभी भारतीय नागरिकों को भी रिहा करने की अपील करता हूं जिन्होंने अपनी कैद की सजा पूरी कर ली है। मैं पाकिस्तानी जेलों में कैद की सजा काट रहे सभी भारतीयों की रिहाई का अनुरोध करता हूं।’’ पाकिस्तानी चैनलों ने कल काफी देर तक सरबजीत की रिहाई से जुड़ी खबरें चलाई थीं लेकिन बाद में आधी रात को अचानक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि इस तरह के किसी फैसले से राष्ट्रपति का कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कुछ भ्रम है। पहली बात यह है कि यह माफी देने का मामला नहीं है। सबसे अहम बात यह कि यह व्यक्ति सरबजीत सिंह नहीं, बल्कि सुरजीत सिंह बल्दियत सुचा सिंह है। उसकी सजा को 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इसहाक खान ने तब्दील किया था।’’ बाबर के मुताबिक कानून मंत्री फारुक नाइक ने गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दी थी कि सुरजीत सिंह ने उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उसे रिहा करके भारत भेजा जाना है।

बाबर ने कहा, ‘‘अब उसे (सुरजीत सिंह) किसी भी तरह से जेल में रखना गैर कानूनी होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति जरदारी का कोई हवाला देना प्रसंग से हटकर बात करना होगा।

सुरजीत सिंह फिलहाल लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है। वह बीते 30 साल से पाकिस्तान में कैद है। उसे सैन्य शासक जनरल जियाउल हक के समय भारत की सीमा के निकट से जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था।

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सरबजीत (49) भी लाहौर स्थित कोट लखपत जेल में बंद है। उसे 1990 में पंजाब प्रांत में विस्फोट करने में शामिल रहने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी और वह बीते दो दशक से पाकिस्तान की जेल में बंद है।