भारत सरकार आम लोगों के लिए कई तरह की बचत योजनाएं चलाती है, जिनमें से पोस्ट ऑफिस बचत योजनाएं (Post Office Savings Schemes) काफी लोकप्रिय हैं. पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं के उपभोक्ता बड़े शहरों में नहीं, देश के कस्बों और गांवों तक में हैं. इन योजनाओं में न सिर्फ ब्याज ज़्यादा मिलता है, बल्कि अधिकतर योजनाओं में निवेश के ज़रिये इनकम टैक्स में भी खासी बचत की जा सकती है.
देश की डाक सुविधा, यानी पोस्टल सर्विस को देखने वाले विभाग इंडिया पोस्ट (India Post) या डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट (Department of Posts) की ओर से कई तरह की बचत योजनाएं चलाई जाती हैं. इंडिया पोस्ट अलग-अलग ब्याज दरों वाली कम से कम नौ बचत योजनाएं चलाता है, जिनमें से सीनियर सिटीज़न्स, यानी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक खास बचत योजना है - सीनियर सिटीज़न्स सेविंग्स स्कीम (Senior Citizens Savings Scheme - SCSS). 60 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक इस योजना का फायदा ले सकते हैं. हां, इनके अलावा 55 से 60 साल तक की उम्र के वे भी इसका लाभ ले सकते हैं, जो VRS, यानी Voluntary Retirement Scheme लेकर या फिर पेंशन पर रिटायरमेंट ले चुके हैं. ऐसे वर्ग के लोग कुछ शर्तों और नियमों के तहत इस बचत योजना में अपना खाता खुलवा सकते हैं.
हम यहां आपको इस स्कीम से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां दे रहे हैं. अगर आप ऊपर बताए गए वर्ग में आते हैं, तो आप इस स्कीम के सब्सक्राइबर बन सकते हैं.
एकाउंट खुलवाने के लिए कितने अमाउंट की ज़रूरत होगी...?
SCSS में एकाउंट खुलवाने के लिए न्यूनतम रकम 1,000 रुपये है. इसमें मैक्सिमम, यानी अधिकतम रकम पर भी सीमा लगाई गई है. इस खाते में अधिकतम रकम 15 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर शुरुआती रकम एक लाख रुपये से कम है, तो आप नकद देकर भी एकाउंट खुलवा सकते हैं, लेकिन एक लाख रुपये से ज्यादा रकम से एकाउंट खोलने पर चेक जमा करना पड़ेगा.
क्या है ब्याज दर...?
इंडिया पोस्ट की वेबसाइट https://www.indiapost.gov.in/ के मुताबिक, इस स्कीम पर सालाना 8.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है.
इनकम टैक्स में कितना लाभ मिलता है...?
इस स्कीम के तहत सब्सक्राइबर्स को इनकम टैक्स लाभ मिलता है. इस स्कीम के खाताधारकों को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत छूट मिलती है. अगर ब्याज की रकम 50,000 रुपये सालाना से ज्यादा होती है, तो TDS काटा जाता है.
मैच्योरिटी पीरियड कितना है...?
SCSS का मैच्योरिटी पीरियड पांच साल है. हालांकि, इस पीरियड को बढ़ाया भी जा सकता है. इंडिया पोस्ट वेबसाइट के अनुसार, अगर आप अपने एकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पोस्ट ऑफिस की ओर से सुझाए गए फॉर्मेट में आवेदन जमा करना होगा. पांच साल का मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने के अगले एक साल की अवधि में आप आवेदन जमा कर सकते हैं.
बता दें कि मैच्योरिटी पीरियड को अगले तीन सालों तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं, अगर आप अपना एकाउंट बंद कराना चाहते हैं, तो पीरियड बढ़ाने के एक साल बाद अपना एकाउंट क्लोज़ करवा सकते हैं, ऐसा करने पर आपकी जमा रकम में कोई कटौती नहीं होगी.
समय से पहले एकाउंट बंद कराया तो क्या होगा...?
अगर आप अपना एकाउंट मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने के पहले बंद कराते हैं, यानी इसकी Premature Closing कराते हैं, तो आपकी बचत की रकम में कुछ डिडक्शन, यानी कटौती होगी. आपको एकाउंट खुलवाने के एक साल बाद प्रीमैच्योर क्लोजिंग का विकल्प मिल जाता है. ऐसे में अगर आप अपना एकाउंट एक साल के बाद ही बंद करवा रहे हैं, तो आपकी जमा रकम का 1.5 फीसदी हिस्सा कट जाएगा. वहीं, अगर आप दो साल बाद अपना एकाउंट बंद करवा रहे हैं, तो आपकी जमा रकम का एक फीसदी हिस्सा कटेगा.
अगर आप पोस्ट ऑफिस की दूसरी सेविंग्स स्कीम्स, यानी बचत योजनाओं के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं, तो इस लिंक पर जा सकते हैं - https://www.indiapost.gov.in/Financial/pages/content/post-office-saving-schemes.aspx
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