पद ग्रहण करते स्पीकर रमेश कुमार
बेंगलुरु:
कर्नाटक में कांग्रेस के के. आर. रमेश कुमार ने विधानसभा स्पीकर पद पर कब्जा कर लिया है. कर्नाटक में सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई ही रोमांचक नहीं रहा, बल्कि विधानसभा स्पीकर के लिए बीजेपी ने अपने कैंडिडेट उतार कर इसे भी काफी रोमांचक बना दिया था. मगर अब बीजेपी ने अपने उम्मीदवार एस सुरेश कुमार का नाम वापस ले लिया है. कांग्रेस के रमेश कुमार पहली बार कर्नाटक के विधानसभा स्पीकर नहीं बने हैं. इससे पहले भी वह इस पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं. रमेश कुमार 1994 से 1999 तक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं.
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रमेश कुमार कर्नाटक में कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं. कर्नाटक विधानसभा के वह पांच बार सदस्य रह चुके हैं. इतना ही नहीं, वह सिद्धारमैया सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 2016 में रमेश कुमार को स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय का पदभार सौंपा गया. रमेश कुमार कोलर जिले के श्रीनिवासपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं.
कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार पहली बार 1978 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते और आर. जी. नारायण रेड्डी को करीब 18 हजार वोटों से पराजित किया. खास बात है कि उन्होंने यह चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही जीता था. उसके बाद वह फिर 1983 में चुनाव हार गये. हालांकि, 1985 में फिर से वह जनता दल के टिकट पर करीब सात हजार वोटों से जीते. खास बात है कि इस बार उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार जी.के. वेंकट शिवा को हराया था.
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1999 में रमेश इंडिपेंडेंट चुनाव लड़े और कांग्रेस के उम्मीदवार जी.के. वेंकट से करीब एक हजार वोट से हार गये. 2004 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में इस बार बीजेपी में शामिल हुए जी. के वेंकट को करीब आठ हजार वोट से हराया. हालांकि, 2008 में फिर उनकी हार हो गई. मगर 2013 के चुनाव में रमेश ने फिर से जीत दर्ज की और 2018 में भी वह फिर से जीतने में कामयाब रहे.
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रमेश कुमार कर्नाटक में कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं. कर्नाटक विधानसभा के वह पांच बार सदस्य रह चुके हैं. इतना ही नहीं, वह सिद्धारमैया सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 2016 में रमेश कुमार को स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय का पदभार सौंपा गया. रमेश कुमार कोलर जिले के श्रीनिवासपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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