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This Article is From Nov 21, 2021

लखनऊ में सोमवार को बुलाई गई किसान महापंचायत, आगे की रणनीति पर होगी चर्चा

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती तथा मंत्री अजय कुमार मिश्रा ''टेनी'' को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

लखनऊ में सोमवार को बुलाई गई किसान महापंचायत, आगे की रणनीति पर होगी चर्चा
किसान महापंचायत में आंदोलन की तय होगी रूपरेखा
लखनऊ:

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (FARMS LAW) Nकी वापसी समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें एसकेएम आगे की रणनीति पर विचार करेगा. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती तथा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ''टेनी'' को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)  ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से यहां आने की अपील की है.  उन्होंने ''चलो लखनऊ-चलो लखनऊ'' नारे के साथ रविवार को ट्वीट किया, ‘सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली एवं बनावटी हैं. इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है. कृषि एवं किसानों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा.'

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इस संदर्भ में भाकियू की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने रविवार को कहा, 'प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कब कानून बनाएंगे.' वर्मा ने कहा कि जब तक एमएसपी को कानून बनाने और अजय कुमार को बर्खास्त करने के लिए कदम नहीं उठाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.'

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उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत में और भी कई बिंदुओं पर चर्चा होगी, जैसे कि भाजपा ने कहा था कि सरकार बनने के बाद किसानों को गन्‍ना मूल्‍य का भुगतान 14 दिन के भीतर किया जाएगा, लेकिन यह व्यवस्था आज तक लागू नहीं हो सकी और साढ़े चार वर्ष में गन्‍ना मूल्‍य में मात्र 25 रुपये की वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि एसकेएम महापंचायत में आगे के कार्यक्रमों के बारे में फैसला लेगा.

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. किसानों का आरोप है कि अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं. इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत दर्जनभर से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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