आज एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान (फाइल फोटो)
केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) सोमवार और तेज होगा. नवंबर महीने के अंत से दिल्ली के बॉर्डर पर डेट हजारों किसानों की एक दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) शुरू हो गई है. इसके अलावा, किसान देशभर में धरना देंगे. एक हफ्ते के भीतर किसानों का यह दूसरा देशव्यापी प्रदर्शन होगा. इससे पहले, पिछले मंगलवार को किसानों ने 'भारत बंद' का आह्वान किया था. विभिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया था. सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद, किसानों का कहना है कि जब तक नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
- किसान नेता बूटा सिंह के एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि इस किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपना रही है. कभी आतंकी कहती है, कभी नक्सल कहती है, कभी पाकिस्तान तो कभी चीन की बात करती है. हमें लोगों का समर्थन है. सरकार की कोशिश फूट डालो है, लेकिन किसान डटे हुए हैं.
- सिंह ने कहा कि जब तक सरकार कानून वापस नही लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. अब आंदोलन और तेजी पकड़ेगा. केंद्र सरकार कैसे कृषि पर कानून बना सकती है. ये राज्य का मामला है. सरकार को कानून वापस लेना होगा. नहीं लेने तक आंदोलन जारी रहेगा. हमने छह महीने एक साल का राशन लेकर आये है जब तक कानून वापस नही होगा तब तक नही जाएंगे.
- किसान प्रदर्शन और अनशन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को अपने ट्वीट में कहा कि किसानों की आड़ में कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जब किसी भी सेक्टर में किसी के भी खिलाफ नहीं है, तो यह सरकार किसानों के खिलाफ कैसे हो सकती है?
- किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों का कहना है कि प्रदर्शनकारी सोमवार को देशभर में कलेक्ट्रेट कार्यालयों का घेराव करेंगे और सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अनशन करेंगे. उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल आंदोलन तेज करने के किसानों की योजना का एक हिस्सा है.
- किसान आंदोलन को लेकर सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के घर पर बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा और गृह सचिव अजय कुमार भल्ला मौजूद रहे. वहीं, कृषि कानून पर कुछ किसान कृषि भवन में एक बजे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलेंगे.
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह भी किसानों के साथ उपवास रखेंगे. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुहिम में शामिल होने की अपील की है. केजरीवाल ने कहा, "केंद्र को किसानों की सभी मांगें माननी चाहिए और गारंटीड न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर बिल लाना चाहिए."
- केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के अपना प्रदर्शन तेज करने के बीच केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा कि सरकार जल्द ही एक तारीख तय कर किसान संघ के नेताओं को अगले दौर की वार्ता के लिये बुलाएगी.
- पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अरविंद केजरीवाल द्वारा किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखने की घोषणा को "नाटक" बताया. सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को कृषि कानूनों में से एक को "बेशर्मी" से अधिसूचित कर किसानों की ‘पीठ में छुरा भोंका है.'
- किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए रविवार को दिल्ली-जयपुर हाइवे को कुछ देर के लिए बंद किया था. राजस्थान और हरियाणा से किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च किया था. मार्च को रोकने के लिए गुड़गांव और फरीदाबाद में 4,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
- किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि अब सरकार को ही कुछ करना है किसान को नहीं. जब तक सरकार कृषि कानून वापस नही लेती है, उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले. पहले किसानों को पाकिस्तानी कहा, फिर कहा कि चीन इस आंदोलन को चला रही है और अब कह रहे हैं कि नक्सली कह रहे हैं. हम अपना शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखेंगे.
(भाषा के इनपुट के साथ)