केंद्र के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) कड़ाके की सर्दी और बारिश के बीच भी जारी है. किसान इन कानूनों का 'काला कानून' करार देते हुए एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि इन्हें रद्द करवाया जा सके. चार जनवरी (सोमवार) को किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक होनी है. इससे पहले, 30 दिसंबर को बातचीत हुई थी, जिसमें दो मुद्दों पर बात बनी है.
टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर किसान धरने पर बैठे हैं. बारिश और सर्दी के बीच गाजीपुर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) में चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन आज 37वें दिन में पहुंच गया. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में बैठे एक प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हम ऐसे खराब मौसम में अपने परिवार से दूर सड़कों पर बैठे हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार कल हमारी मांगों को स्वीकार करेगी."
Delhi: Farmers continue to hold sit-in protest at Ghazipur (Delhi-UP border) for 37th day amid rain & cold.
— ANI (@ANI) January 3, 2021
A protester says, "We're staying on streets in such harsh weather conditions away from our family. We're hopeful that the govt will accept our demands tomorrow." #FarmLaws pic.twitter.com/XHNPCST5nm
बता दें कि दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की धमकी दी है. किसानों ने कहा है कि 23 जनवरी को, यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सभी राज्यपालों के आवास पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. किसान आंदोलन का समन्वय कर रही 7 सदस्यीय समन्वय समिति ने शनिवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को यह अल्टीमेटम दिया.
सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बनी थी.
(एएनआई के इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं