प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने दो महीने से भी ज़्यादा वक्त से जारी किसान आंदोलन को पवित्र बताते हुए देशवासियों से आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क समझने का आह्वान किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए बुधवार को कहा कि देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क समझना होगा, और आंदोलनजीवियों से बचकर रहना होगा, जो किसानों के पवित्र आंदोलन को कलंकित कर रहे हैं.
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प्रधानमंत्री ने कहा, मोबाइल टॉवर को बर्बाद कर देना किसान आंदोलन नहीं है. सभी सरकारों द्वारा स्वीकृत व्यवस्था टोल प्लाज़ा को तोड़ देना किसान आंदोलन नहीं हो सकता. प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी जिसने करीब 6 दशकों तक शासन किया, उसका ये हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा तबका एक तरफ चलता है और लोकसभा का अलग. ऐसी डिवाइडेड पार्टी या कहें कंफ्यूज पार्टी न खुद का भला कर सकती है न देश का. राज्यसभा में जो तबका है वो उमंग के साथ चर्चा करता है.वहीं ये कांग्रेस का दूसरा तबका है.
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जहां तक आंदोलन का सवाल है, दिल्ली के बाहर हमारे किसान भाई बहन बैठे हुए हैं. वो जो भी गलत धारणाएं बनाई गई, अफवाहें फैलाई गई उसके शिकार हुए हैं.लगातार बातचीत होती रही है, जब पंजाब में आंदोलन चल रहा था तब भी हुई है. बातचीत में किसानों की शंकाएं क्या हैं वो ढूंढने के भी लगातार प्रयास किया गया है. विपक्षी सदस्यों की तरफ से हुए हंगामे पर उन्होंने कहा कि संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है.
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