एर्नाकुलम:
केरल के एर्नाकुलम में 30 साल की दलित लड़की से रेप और हत्या के मामले में पुलिस ने 50 दिनों के बाद मुख्य संदिग्ध को हिरासत में लिया है। इस संदिग्ध ने कथित तौर पर एर्नाकुलम स्थित उसके घर में लड़की से रेप किया और उसकी हत्या कर शव को क्षत-विक्षत करके छोड़ दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में एक असमी युवक एवं उसके चार दोस्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, पूछताछ जांच जारी है और कुछ टेस्ट के नतीजों के बाद ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने पुष्टि की है कि इस संदिग्ध पर पुलिस की नजर काफी दिनों से थी। गौरतलब है कि लॉ की इस 30 वर्षीय छात्रा की 28 अप्रैल को बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। छात्रा के शव पर 30 चाकू से घाव और काटने के निशान थे। अंतड़िया भी बाहर लटक रही थीं।
इस बर्बर अपराध की जांच में कई गलतियां भी हुईं। शव मिलने के छह दिन बाद घर को क्राइम सीन के तौर पर बंद किया गया। यही नहीं सबूत इकट्ठा करने के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट को भी देर से बुलाया गया।
पुलिस ने जो दो स्कैच जारी किए थे, वे भी बिल्कुल अलग थे, जिन्हें उन्होंने छात्रा के पड़ोस में रहने वाले लोगों से मिली जानकारी के आधार पर बनाया था।
राजनीतिक दलों के मुताबिक, पुलिस उस समय तत्कालीन सरकार को बचाने के लिए यह साबित करने की कोशिश कर रही थी कि छात्रा से बलात्कार किया ही नहीं गया। दरअसल, इस मामले के सामने आने के बाद वहां की कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठने लगे थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में एक असमी युवक एवं उसके चार दोस्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, पूछताछ जांच जारी है और कुछ टेस्ट के नतीजों के बाद ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने पुष्टि की है कि इस संदिग्ध पर पुलिस की नजर काफी दिनों से थी। गौरतलब है कि लॉ की इस 30 वर्षीय छात्रा की 28 अप्रैल को बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। छात्रा के शव पर 30 चाकू से घाव और काटने के निशान थे। अंतड़िया भी बाहर लटक रही थीं।
इस बर्बर अपराध की जांच में कई गलतियां भी हुईं। शव मिलने के छह दिन बाद घर को क्राइम सीन के तौर पर बंद किया गया। यही नहीं सबूत इकट्ठा करने के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट को भी देर से बुलाया गया।
पुलिस ने जो दो स्कैच जारी किए थे, वे भी बिल्कुल अलग थे, जिन्हें उन्होंने छात्रा के पड़ोस में रहने वाले लोगों से मिली जानकारी के आधार पर बनाया था।
राजनीतिक दलों के मुताबिक, पुलिस उस समय तत्कालीन सरकार को बचाने के लिए यह साबित करने की कोशिश कर रही थी कि छात्रा से बलात्कार किया ही नहीं गया। दरअसल, इस मामले के सामने आने के बाद वहां की कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठने लगे थे।
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