केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने आज कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक आबादी अभी भी संक्रमित नहीं है. राज्य में कोरोना की मौजूदा स्थिति का आकलन पहले से था, यह अपेक्षित थी. उन्होंने कहा कि राज्य में सुनियोजित रणनीति का परिणाम है कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण बना हुआ है. राज्य में कोविड की स्थिति बिल्कुल ठीक है, लेकिन कोरोना के टीके की कमी है. उन्होंने कहा कि हमारा पूरा फोकस टीकों पर है जो राज्य में तेजी खत्म हो रहे हैं.
जॉर्ज ने एक विशेष साक्षात्कार में एनडीटीवी को बताया, "केरल में स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में है. आप इसका विश्लेषण कैसे करते हैं? अस्पतालों में मरीजों के आंकड़ों को देखें, यह कम है, आईसीयू बेड के लिए और यहां तक कि ऑक्सीजन मांग भी कम है. इसका मतलब है कि बीमारी की गंभीरता कम है."
उन्होंने कहा, "एक केंद्रीय टीम ने कुछ हफ़्ते पहले केरल का दौरा किया. उन्होंने कई जगहों का दौरा किया, उन्होंने अस्पतालों का दौरा किया, वे कई जिलों में गए. उन्होंने हमें बताया कि वे सरकार द्वारा अपनाए जा रहे उपायों से संतुष्ट हैं." जॉर्ज ने कहा कि कई अन्य विशेषज्ञों और वायरोलॉजिस्ट ने भी केरल प्रशासन को मौजूदा स्थिति के बारे में आश्वस्त किया था.
केरल ने आज 20,772 नए कोविड मामले दर्ज किए. यह लगातार चौथा दिन है जब 20,000 से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए गए. पॉजिटिविटी रेट (TPR) बढ़कर 13.61 फीसदी हो गई है. कोरोना संक्रमण की चपेट में आए 116 लोगों की मौत भी हुई है.
केरल में मृत्यु दर केवल 0.4 प्रतिशत है, जबकि अखिल भारतीय औसत 1.34 प्रतिशत है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "यहां तक कि अगर हम अधिक मौतों या उन सभी मौतों को जोड़ते हैं जो रिपोर्ट नहीं की गईं, तो राज्य की मृत्यु दर लगभग 0.8 प्रतिशत या 0.7 प्रतिशत होगी." केरल में सबसे अधिक टीकाकरण कवरेज 17 प्रतिशत में से एक है - भारत का आंकड़ा 7 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "दो दिन पहले, हमारा वैक्सीन स्टॉक शून्य था. केंद्र सरकार ने हमें कल से एक दिन पहले नौ लाख खुराक दी. यहां कल फिर स्टॉक खत्म हो जाएगा. परसों के लिए कोई टीका नहीं होगा."