अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते कश्मीरी छात्र.
नई दिल्ली:
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(AMU) में कनेड़ी हॉल के बाहर छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद राथर के नेतृत्व में कश्मीरी छात्रों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया.सज्जाद राथर ने कहा कि कश्मीरी छात्रों की मांगे नही मानीं गईं तो सभी कश्मीरी छात्र रात-दिन प्रदर्शन कर गुरुवार सुबह सर सैयद डे कार्यक्रम के दौरान एलुमिनाई छात्रों के सामने अपनी डिग्री सरेंडर कर वापस कश्मीर अपने घर लौट जाएंगे.उन्होंने इसे अंतिम फैसला करार दिया.
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मन्नान बशीर वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश के दौरान देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में अपने तीन साथियों पर दर्ज देशद्रोह का मुकदमा वापस नहीं लिये जाने की स्थिति में एएमयू छोड़ने की चेतावनी दी है. आपको बता दें कि हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी मनन वानी गुरुवार को कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारा गया था. वह एएमयू में पीएचडी का छात्र था. पिछली जनवरी में उसने सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल के साथ अपनी तस्वीर डाली थी, जिसके बाद उसे विश्वविद्यालय से निष्कासित दिया गया था.
AMU का फरमान, चप्पल और शॉर्ट ड्रेस पहन हॉस्टल से न निकलें, अटेंडेंट को 'मियां' कहकर बुलाएं
सज्जाद राथर ने विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर को भेजे गये पत्र में कहा है कि अगर कश्मीरी छात्रों की छवि खराब करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं तो एएमयू के 1200 से ज्यादा कश्मीरी छात्र आगामी 17 अक्टूबर को विश्वविद्यालय छोड़कर अपने-अपने घर लौट जाएंगे. उन्होंने पत्र में कहा है कि एएमयू प्रशासन की तरफ से इजाजत नहीं मिलने के बाद वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने का इरादा छोड़ दिया गया था. जब कोई जमात ही नहीं हुई तो तीन कश्मीर छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना केवल बदले और उत्पीड़न की कार्रवाई है. बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्रों ने यह पत्र शनिवार रात एएमयू के प्रॉक्टर मोहसिन खान को दिया.
वीडियो-AMU: जिन्ना की तस्वीर पर बढ़ता बवाल
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सज्जाद राथर ने विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर को भेजे गये पत्र में कहा है कि अगर कश्मीरी छात्रों की छवि खराब करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं तो एएमयू के 1200 से ज्यादा कश्मीरी छात्र आगामी 17 अक्टूबर को विश्वविद्यालय छोड़कर अपने-अपने घर लौट जाएंगे. उन्होंने पत्र में कहा है कि एएमयू प्रशासन की तरफ से इजाजत नहीं मिलने के बाद वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने का इरादा छोड़ दिया गया था. जब कोई जमात ही नहीं हुई तो तीन कश्मीर छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना केवल बदले और उत्पीड़न की कार्रवाई है. बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्रों ने यह पत्र शनिवार रात एएमयू के प्रॉक्टर मोहसिन खान को दिया.
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