बेंगलुरु:
कर्नाटक विधान सभा में उस वक्त हालात बिगड़ गए जब पर्यावरण और वन मंत्री रामनाथ रॉय के साथ जेडीएस और बीजेपी के विधायक दो-दो हाथ करने के मूड में उनके नजदीक पहुंचे। डीएसपी गणपति के आत्महत्या के मामले में विधान सभा में चल रही बहस के दौरान रामनाथ रॉय बार-बार सरकार के पक्ष में हस्तक्षेप कर रहे थे, ऐसे में विपक्षी दलों के विधायक भड़क गए।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडी एस नेता कुमारस्वामी ने एनडीटीवी को बताया कि उनकी पार्टी पीछे हटने वाली नहीं है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि सरकार मामले को रफा-दफा करने में लगी है। कुमारस्वामी चाहते हैं कि दोनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराई जाये जिनका नाम आत्महत्या से पहले एमके गणपति ने वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान लिया था।
वहीं राज्य के एक और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने रैली शहर के मौर्या सर्किल पर निकाली। येद्दयुरप्पा की मांग है कि सीआईडी की जगह जांच सीबीआई को सौंप दी जाये और शहरी विकास मंत्री केजी जॉर्ज इस्तीफा दें।
गणपति कोडवा समाज से थे। येद्दयुरप्पा की रैली में इस समुदाय के लोग बड़ी तादाद में मौजूद थे। पूर्व एसीपी अशोक कुमार ने दावा किया कि एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उन्हें लगता है कि पुलिस को गणपति का वीडियो स्टेटेमेंट डाईंग डिक्लेरेशन के तौर पर मानना चाहिए और इस नज़रिये से दोनों पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ शहरी विकास मंत्री केजी जॉर्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ़ किया कि फिलहाल सीबीआई न्यायिक जांच की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीआईडी जांच चल रही है। सीआईडी के आईजी हेमंत निम्बालकर की निगरानी में इस मामले की जांच चल रही है। वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री केजी जॉर्ज पहली बार नर्म पड़ते नज़र आये।उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनसे इस्तीफा मांगेंगे तो वो इस्तीफा देने को तैयार हैं।
इन सबके बीच गणपति की पत्नी और बेटे की तरफ से एक याचिका कुर्ग के स्थानीय न्यायालय में दर्ज कर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। वहीं एक वकील ने कर्नाटक हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर एफआईआर करने की मांग की है
गौरतलब है कि एमके गणपति ने पिछले गुरुवार शाम कर्नाटक के कुर्ग में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक स्थानीय टीवी चैनल के दफ्तर में जाकर अपना ब्यान रिकॉर्ड करवाया था। जिसमें उन्होंने साफ़ कहा था कि उन्हें अगर कुछ होता है तो उसके लिए पूर्व गृह मंत्री के जी जॉर्ज के साथ-साथ आईजीपी प्रणब मोहंती और एडीजीपी एएम प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया जाये।
गणपति के पिता और भाई ने कहा था कि वो डिप्रेशन के शिकार थे और उनका इलाज चल रहा था, जबकि गणपति की पत्नी और बेटा ऐसा नहीं मानते। गणपति के पिता ने उनकी पत्नी के खिलाफ गणपति को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ एक मामला दर्ज करवाया था।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडी एस नेता कुमारस्वामी ने एनडीटीवी को बताया कि उनकी पार्टी पीछे हटने वाली नहीं है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि सरकार मामले को रफा-दफा करने में लगी है। कुमारस्वामी चाहते हैं कि दोनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराई जाये जिनका नाम आत्महत्या से पहले एमके गणपति ने वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान लिया था।
वहीं राज्य के एक और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने रैली शहर के मौर्या सर्किल पर निकाली। येद्दयुरप्पा की मांग है कि सीआईडी की जगह जांच सीबीआई को सौंप दी जाये और शहरी विकास मंत्री केजी जॉर्ज इस्तीफा दें।
गणपति कोडवा समाज से थे। येद्दयुरप्पा की रैली में इस समुदाय के लोग बड़ी तादाद में मौजूद थे। पूर्व एसीपी अशोक कुमार ने दावा किया कि एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उन्हें लगता है कि पुलिस को गणपति का वीडियो स्टेटेमेंट डाईंग डिक्लेरेशन के तौर पर मानना चाहिए और इस नज़रिये से दोनों पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ शहरी विकास मंत्री केजी जॉर्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ़ किया कि फिलहाल सीबीआई न्यायिक जांच की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीआईडी जांच चल रही है। सीआईडी के आईजी हेमंत निम्बालकर की निगरानी में इस मामले की जांच चल रही है। वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री केजी जॉर्ज पहली बार नर्म पड़ते नज़र आये।उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनसे इस्तीफा मांगेंगे तो वो इस्तीफा देने को तैयार हैं।
इन सबके बीच गणपति की पत्नी और बेटे की तरफ से एक याचिका कुर्ग के स्थानीय न्यायालय में दर्ज कर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। वहीं एक वकील ने कर्नाटक हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर एफआईआर करने की मांग की है
गौरतलब है कि एमके गणपति ने पिछले गुरुवार शाम कर्नाटक के कुर्ग में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक स्थानीय टीवी चैनल के दफ्तर में जाकर अपना ब्यान रिकॉर्ड करवाया था। जिसमें उन्होंने साफ़ कहा था कि उन्हें अगर कुछ होता है तो उसके लिए पूर्व गृह मंत्री के जी जॉर्ज के साथ-साथ आईजीपी प्रणब मोहंती और एडीजीपी एएम प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया जाये।
गणपति के पिता और भाई ने कहा था कि वो डिप्रेशन के शिकार थे और उनका इलाज चल रहा था, जबकि गणपति की पत्नी और बेटा ऐसा नहीं मानते। गणपति के पिता ने उनकी पत्नी के खिलाफ गणपति को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ एक मामला दर्ज करवाया था।
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