रुद्र पाटिल की जारी तस्वीर और मिली लाश
कर्नाटक:
उत्तर कर्नाटक के बेलगाम के खानापुर के एक सुनसान जगह पर इस महीने की 18 तारीख को मिली लाश क्या रुद्र पाटिल की है। रुद्र पाटिल को गोविन्द पनसारे की हत्या के सिलसिले में महाराष्ट्र पुलिस तलाश रही है, तो वहीं गोवा में 2009 में हुए ब्लास्ट के आरोपी के तौर पर एनआईए के भी रडार पर भी है। इतना ही नहीं हाल ही में कर्नाटक के धाड़वाद में हुए प्रॉफेसर कलबुर्गी की हत्या के तार भी जांच एजेंसियों को रुद्र पाटिल से किसी न किसी तौर पर जुड़ते दिख रहे हैं।
बेलगाम के खानापुर में मिली अज्ञात लाश
इस महीने की 18 तारिख को बेलगाम के ग्रामीण इलाके खानापुर में एक युवक की लाश मिली। देसी कट्टे से उसे नज़दीक से गोली मारी गई है। उसके शरीर पर दूसरे घाव के निशान नहीं हैं, जिससे पता चलता है कि उसे गोली किसी भरोसेमंद ने ही मारी है। रुद्र पाटिल और इस लावारिस लाश की शक्ल एक दूसरे से मेल खा रही है।
लाश किसकी है, बना है रहस्य
तमाम कोशिशों के बावजूद जब पुलिस को ये पता नहीं चल पाया कि लाश किसकी है, तो पुलिस ने उसको दफना दिया। पुलिस ने जो तस्वीर जारी की है वह रुद्र पाटिल की तस्वीर से पूरी तरह मेल खाती है। बेलगाम ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक रविकांत गौड़ा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और फिलहाल पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। वहीं, प्रॉफेसर कलबुर्गी की हत्या की जांच कर रही सीआईडी टीम भी बेलगाम में मिली इस लाश के रहस्य को सुलझाने में जुट गई है।
कई हिन्दू मान्यताओं के खिलाफ लिखने वाले प्रोफेसर कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धाड़वाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि अंधविश्वास का विरोध करने वाले दाभोलकर की हत्या 20 अगस्त 2013 में और वामपंथी चिंतक और लेखक गोविन्द पनसारे की हत्या इसी साल 20 फरवरी को महाराष्ट्र में की गई थी।
तीनों हत्या एक ही तरीके से की गई
तीनों की हत्या एक ही तरीके से की गई थी। इसीलिए पुलिस को लगता है कि इन तीनों की हत्या के पीछे एक ही गैंग का हाथ है। हाल ही में अभिनव भारत नाम की एक संस्था के एक सदस्य को पुलिस ने पनसारे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।
बेलगाम के खानापुर में मिली अज्ञात लाश
इस महीने की 18 तारिख को बेलगाम के ग्रामीण इलाके खानापुर में एक युवक की लाश मिली। देसी कट्टे से उसे नज़दीक से गोली मारी गई है। उसके शरीर पर दूसरे घाव के निशान नहीं हैं, जिससे पता चलता है कि उसे गोली किसी भरोसेमंद ने ही मारी है। रुद्र पाटिल और इस लावारिस लाश की शक्ल एक दूसरे से मेल खा रही है।
लाश किसकी है, बना है रहस्य
तमाम कोशिशों के बावजूद जब पुलिस को ये पता नहीं चल पाया कि लाश किसकी है, तो पुलिस ने उसको दफना दिया। पुलिस ने जो तस्वीर जारी की है वह रुद्र पाटिल की तस्वीर से पूरी तरह मेल खाती है। बेलगाम ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक रविकांत गौड़ा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और फिलहाल पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। वहीं, प्रॉफेसर कलबुर्गी की हत्या की जांच कर रही सीआईडी टीम भी बेलगाम में मिली इस लाश के रहस्य को सुलझाने में जुट गई है।
कई हिन्दू मान्यताओं के खिलाफ लिखने वाले प्रोफेसर कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धाड़वाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि अंधविश्वास का विरोध करने वाले दाभोलकर की हत्या 20 अगस्त 2013 में और वामपंथी चिंतक और लेखक गोविन्द पनसारे की हत्या इसी साल 20 फरवरी को महाराष्ट्र में की गई थी।
तीनों हत्या एक ही तरीके से की गई
तीनों की हत्या एक ही तरीके से की गई थी। इसीलिए पुलिस को लगता है कि इन तीनों की हत्या के पीछे एक ही गैंग का हाथ है। हाल ही में अभिनव भारत नाम की एक संस्था के एक सदस्य को पुलिस ने पनसारे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।
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