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6 years ago
नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जद(एस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर अपनी इच्छा से फैसला ले सकते हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि बागी विधायकों को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.फैसला सुनाते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मामले में संवैधानिक संतुलन बनाना जरूरी है, जो सवाल उठे हैं उनके जवाब बाद में तलाशे जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सभी पक्षों की ओर से जोरदार दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बागी विधायकों ने आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार बहुमत खो चुकी गठबंधन सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारी होने के नाते उन्हें इन विधायकों के इस्तीफे पर पहले फैसला करने और बाद में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग पर फैसला करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी गुरुवार को विधानसभा में विश्वासमत का प्रस्ताव पेश करेंगे और अगर विधानसभा अध्यक्ष इन बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं तो उनकी सरकार उससे पहले ही गिर सकती है. हालांकि, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता पर फैसला करने से नहीं रोक रही है, बल्कि उनसे सिर्फ यह तय करने को कह रही है क्या इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है.  

Karnataka Political Crisis Live Updates

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी बेंगलुरू में कर रहे हैं कांग्रेस नेताओं से मुलाकात
मुंबई में कर्नाटक के बागी विधायक: हमें कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. हम सब साथ हैं. हम हमारे फैसले पर अडिग हैं. सत्र में जाने का कोई सवाल ही नहीं
उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष के फैसले को उसके समक्ष रखा जाए.
इस्तीफे पर फैसला लेने के कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार अदालत के निर्देश या फैसले से प्रभावित नहीं होना चाहिए : उच्चतम न्यायालय।

कर्नाटक के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार ने कहा, "मैं जो फैसला लूंगा, वह किसी भी तरीके से संविधान, न्यायालय या लोकपाल के विरुद्ध नहीं होगा..."
कर्नाटक के बागी विधायकों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा BJP नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा, "निश्चित रूप से यह सरकार (JDS-कांग्रेस की एच.डी. कुमारस्वामी सरकार) नहीं बचेगी, क्योंकि उनके पास संख्याबल नहीं है..."
BJP नेता जगदीश शेट्टर ने कर्नाटक के बागी विधायकों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा, "राज्य में (मुख्यमंत्री) एच.डी. कुमारस्वामी की वजह से अराजकता है, उन्हें इस फैसले के बाद विश्वासमत का इंतज़ार किए बिना तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए..."
सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक के बागी विधायकों की पैरवी कर रहे मुकुल रोहतगी ने बताया, "गुरुवार को होने वाले विश्वासमत के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने दो अहम बातें कही हैं... 15 विधायकों को गुरुवार को सदन में रहने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा... सभी 15 विधायकों को स्वतंत्रता है कि वे गुरुवार को सदन में उपस्थित होते हैं या नहीं..."
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शंकरपुरम स्थित श्री शृंगेरी शंकर मठ में पूजा-अर्चना की.
कर्नाटक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "बागी विधायक भी सदन में उपस्थित रहने या विश्वासमत में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं हैं..."
स्पीकर बागी विधायकों पर अपनी इच्छा से फैसला लें- सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक के बागी विधायकों के मामले में CJI रंजन गोगोई ने कहा, "कर्नाटक के स्पीकर को निश्चित समयसीमा में फैसला करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता..."
स्पीकर के आदेश को कोर्ट के सामने रखा जाए- सुप्रीम कोर्ट
सत्र में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं बागी विधायक- सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक के बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर ही करेंगे फैसला- सुप्रीम कोर्ट
मामले में संवैधानिक संतुलन बनाना जरूरी. जो सवाल उठे, उनके जवाब बाद में तलाशे जाएंगे- सीजेआई रंजन गोगोई
फैसला सुनाने के लिए जज कोर्ट में आ चुके हैं.
कर्नाटक के पूर्व सीएम और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा: हम लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
इस फैसले से कर्नाटक में 14 माह पुरानी कुमारस्वामी सरकार की किस्मत तय हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सभी पक्षों की ओर से जोरदार दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जद(एस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी बुधवार को अपना अहम फैसला सुनाएगा.

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