जयललिता के आय से अधिक संपत्ति के 19 साल पुराने मामले में फैसले की घड़ी नज़दीक

फाइल फोटो

नई दिल्ली/बेंगलुरु:

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट को जयललिता की सजा के खिलाफ अपील पर फैसला सुनाने की इजाज़त दे दी है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था, क्योंकि डीएमके की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर कर सरकारी वकील भवानी सिंह की नियुक्ति पर सवाल उठाये थे।

मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रहा था, लेकिन भवानी सिंह की नियुक्ति तमिलनाडु सरकार की तरफ से की गई थी, जिस पर डीएमके ने ऐतराज़ जताया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भवानी सिंह की नियुक्ति क़ानून की मर्यादाओं के खिलाफ है और सही नहीं है, लेकिन साथ ही साथ यह भी कहा कि इस वजह से दोबारा इस मामले में सुनवाई की ज़रूरत नही है।

यानी अब 12 मई से पहले कर्नाटक हाईकोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा, क्योंकि जयललिता की जमानत इस दिन खत्म हो जाएगी।

तकरीबन 67 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के 1996 के इस मामले में पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष ट्रायल कोर्ट ने जयललिता को 4 साल की जेल और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा दी थी।

इस फैसले के खिलाफ जयललिता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर सुनवाई पूरी करने का आदेश हाईकोर्ट को दिया था। फैसले से ठीक पहले भवानी सिंह का मामला उठा और फैसला हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुरक्षित रखा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बेंगलुरु की विशेष ट्रायल कोर्ट ने जयललिता के साथ-साथ उनकी सहयोगी एन शशिकला जे एलवरसी और दत्तक पुत्र वी एन सुधाकरन को भी चार-चार साल की सज़ा और 10-10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।