उत्तर कर्नाटक में एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है. हाल में हुई बारिश और बाढ़ की वजह से तकरीबन 80 लोगों की जानें गई थीं और हजारों लोग बेघर हुए थे. प्रभावित इलाकों में से एक रायचूर के कुछ वीडियो सामने आए हैं जिससे पता चलता है कि एक तरफ जहां लाखों लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे थे वहीं राहत सामग्री सरकारी दफ्तरों में सड़ती रही.
रायचूर जिले के एक ब्लॉक के तहसीलदार के दफ़्तर में खाद्य सामग्री सड़ती रही. वह ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंचाई गई. रायचूर के यरगोडी यलगुंडी और हंचीनाला जैसे गांवों में लोगों के पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं था.
कन्नडा समर्थक कार्यकर्ता हनुमंत नायक ने कहा कि 'देखिए किस तरह अधिकारियों की वजह से राहत के नाम पर आया खाने-पीने का सामान बरबाद हो रहा है और इसे कोई बांटने वाला नहीं है.'
बताया जा रहा है कि अब भी कई गोदामों में राहत सामग्री पड़ी है, पूछने वाला कोई नहीं है. अधिकारियों के मुताबिक 80 फीसदी राहत का सामान बांट दिया गया है. जो बचा है वह जल्द ही जरूरतमंदों को दिया जाएगा. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या वह अब बांटे जाने के लायक है?
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असिस्टेंट तहसीलदार शमसे आलम ने कहा कि 'बचा हुआ मटेरियल जल्द ही बांट दिया जाएगा. अगर किसी की कोताही हुई तो हम डीसी से कहकर कार्रवाई करवाएंगे.'
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हाल में आई बाढ़ से हुई तबाही की वजह से लोग पहले से ही परेशान थे, दुबारा इन इलाकों में बारिश शुरू हो गई. ऐसे में इन लोगों की परेशानी और बढ़ गई.
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