कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (फाइल फोटो)
बेंगलुरु:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने के तीन साल से भी ज्यादा समय के बाद सिद्धरमैया रविवार को अपने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं। विभिन्न मंत्रियों पर लग रहे आरोपों के बीच प्रशासन को अच्छी छवि देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात के बाद सिद्धरमैया ने संवाददाताओं को बताया, 'हमने पार्टी अध्यक्ष सोनिया जी और उपाध्यक्ष राहुल जी के साथ उन सभी नामों पर चर्चा की जिन्हें हटाया जाना और शामिल किया जाना है। हमने उन्हें राजी कर लिया है। हाईकमान ने फेरबदल करने के लिए मुझे अधिकृत किया है।' उन्होंने कहा, 'एक-दो दिन में सूची तैयार कर ली जाएगी और इसे राज्यपाल को सौंप दिया जाएगा।' इससे पहले सिद्धरमैया ने इस मामले पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की थी। हालांकि उन्होंने शनिवार की शाम में स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल में यह फेरबदल रविवार दोपहर में होगा।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कम से कम 10-14 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने और युवा विधायकों और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को शामिल करने का प्रस्ताव किया है, जिससे जाति और क्षेत्रीय कारकों का संतुलन बनाया जा सके। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी. परमेश्वर और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह इस बैठक में मौजूद थे।
वर्ष 2014 में कर्नाटक में कांग्रेस के मामलों के प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद बाद में इस बैठक में शामिल हुए। हाल ही में चार राज्यों विशेषकर असम में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद सरकार को दुरुस्त करने के लिए यह कवायद की जा रही है। केरल और असम में सत्ता से बाहर होने के बाद कर्नाटक अकेला ऐसा बड़ा राज्य है, जहां कांग्रेस सत्ता में है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात के बाद सिद्धरमैया ने संवाददाताओं को बताया, 'हमने पार्टी अध्यक्ष सोनिया जी और उपाध्यक्ष राहुल जी के साथ उन सभी नामों पर चर्चा की जिन्हें हटाया जाना और शामिल किया जाना है। हमने उन्हें राजी कर लिया है। हाईकमान ने फेरबदल करने के लिए मुझे अधिकृत किया है।' उन्होंने कहा, 'एक-दो दिन में सूची तैयार कर ली जाएगी और इसे राज्यपाल को सौंप दिया जाएगा।' इससे पहले सिद्धरमैया ने इस मामले पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की थी। हालांकि उन्होंने शनिवार की शाम में स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल में यह फेरबदल रविवार दोपहर में होगा।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कम से कम 10-14 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने और युवा विधायकों और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को शामिल करने का प्रस्ताव किया है, जिससे जाति और क्षेत्रीय कारकों का संतुलन बनाया जा सके। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी. परमेश्वर और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह इस बैठक में मौजूद थे।
वर्ष 2014 में कर्नाटक में कांग्रेस के मामलों के प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद बाद में इस बैठक में शामिल हुए। हाल ही में चार राज्यों विशेषकर असम में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद सरकार को दुरुस्त करने के लिए यह कवायद की जा रही है। केरल और असम में सत्ता से बाहर होने के बाद कर्नाटक अकेला ऐसा बड़ा राज्य है, जहां कांग्रेस सत्ता में है।
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