कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्प्पा (CM BS Yediyurappa) के खिलाफ इस साल दूसरी बार बग़ावती तेवर देखने को मिल रहे है. इस बार भी आवाज़ उत्तर कर्नाटक से उठी है जो लिंगायतों का मजबूत गढ़ माना जाता है. पार्टी के कद्दावर नेता बासनगौड़ पाटिल यतनाल ने इस बार यह कहते हुए बग़ावती बिगुल बजाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का मानना है कि अगला मुख्यमंत्री उत्तर कर्नाटक से होगा. विरोध में उठते इन सुरों के बीच यह सबकी ज़ुबान पर है कि क्या येदियुरप्पा बचे हुए 3 साल पूरे कर पाएंगे. इसके पीछे दो अहम वजह मानी जा रहीं- पहली येदुरप्पा की बढ़ती उम्र और दूसरी पार्टी पर उनकी ढीली होती पकड़. यह देखने में आया है कि बगावत पर उतारू खेमा गाहे-बगाहे उन पर हमला करता रहता है.ताजा मिसाल विजयपुरा से विधायक बासनगौड़ पाटिल यतनाल (Basanagouda Patil Yatnal) हैं जो कभी येदियुरप्प्पा के सामने खड़े होने में हिचकिचाते थे, उन्होंने आज बगावती तेवर अख्तियार कर रखे हैं. बासनगौड़ ने एक कार्यक्रम में येदियुरप्प्पा का जमकर मज़ाक उड़ाया.
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उन्होंने कहा कि यह तय हो गया है कि येदियुरप्प्पा के बाद उनका उत्तराधिकारी यानी अगला मुख्यमंत्री उत्तर कर्नाटक से होगा. यह प्रधानमंत्री ने कहा है कि येदियुरप्प्पा के बाद उत्तर कर्नाटक से देखेंगे अब यह तय हो गया है. गौरतलब है कि उत्तर कर्नाटक से बीजेपी (BJP) के सबसे ज्यादा विधायक है और इस क्षेऋ को लिंगायतों का गढ़ माना जाता है. इस साल मई में भी बगावत के सुर यहीं से सुनाई दिए थे तब उमेश कट्टी और मुरगेश निरानी ने बगावत का परचम लहराया था, लेकिन उस समय कोरोना के प्रकोप से माहौल ज़्यादा नही बन पाया था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. माना जाता है कि संघ के कद्दावर नेता बीएल संतोष ऐसी मुहिम को हवा देते है क्योंकि येदियुरप्प्पा से उनका 36 का आंकड़ा है
हालांकि बगावती के उठते इन सुरों के बीच पार्टी के कुछ नेता येदियुरप्प्पा के पक्ष में भी हैं. उप मुख्यमंत्री डॉ आश्वत नारायण कहते हैं, 'बीएस येदियुरप्पा राज्य के मुख्यमंत्री हैं.वह हमारे नेता हैं इसमें किसी तरह का कोई शक नहीं होना चाहिए. यतनाल के बारे में पार्टी आलाकमान को सोचना है और क्या कार्रवाई होनी चाहिए, यह तय करना है. वैसे विरोध में उठ रहे इन सुरों के बीच इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि येदियुरप्पा आज भी काफी लोकप्रिय हैं और प्रदेश में उनके कद का कोई दूसरा नेता बीजेपी नेता नहीं है. ऐसे में ढलती उम्र के बावजूद पार्टी आलाकमान येदियुरप्प्पा का विकल्प नहीं तलाश पाया है.
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