पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 कर्मियों में से एक तिलक राज के परिवार में कुछ समय पहले ही किलकारी गूंजी थी लेकिन पुलवामा की घटना ने पूरे परिवार को हिला दिया है.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के जावील के रहने वाले तिलक राज गुरुवार को हुए हमले से तीन दिन पहले ही अपने घर से निकले थे. पिछले महीने ही उनके बेटे का जन्म हुआ है. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ हमला राज्य में अब तक हुए हमलों में से बेहद भयानक है.
राज के परिवार में उनका एक और बेटा है जो अभी तीन साल का है. इसके अलावा उनके परिवार में उनके माता-पिता और बड़े भाई है. उनके माता-पिता रामा राम और बिमला देवी ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है जिसने देश के लिए शहादत दे दी.
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परिवार सहित धेवा गांव में हमले की खबर आते ही शोक की लहर छा गई. शहीद के पिता ने कहा, ‘‘ हमने अपना बेटा खोया लेकिन हम चाहते हैं कि पाकिस्तान को करारा जवाब मिले ताकि आगे से ऐसे हमलों को अंजाम देने की उसकी हिम्मत न हो.''
कांगड़ा के पुलिस उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा, ‘‘ तिलक राज इस हमले में घायल हुए थे और कल कश्मीर में सेना के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई.'' अधिकारी ने बताया कि वह शहीद का पार्थिव शरीर यहां पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. परिवार दुख में डूबा है.
परिवार ने सरकार से मांग की है कि वह तिलक राज के बेटे को बड़ा होने पर सरकारी नौकरी दे. मुख्यमंत्री ने शहीद परिवार को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है और वह शनिवार की सुबह शहीद के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए धेवा में मौजूद रह सकते हैं. मुख्यमंत्री ने फोन पर शहीद के पिता से बातचीत की है.
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राज्य के मंत्री किशन कपूर और विधायक अर्जुन सिंह ने भी परिवार से मुलाकात की और परिवार को तत्काल सहायता के तौर पर पांच लाख रुपये का चेक दिया. कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मुआवजा राशि की घोषणा का स्वागत किया. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजभवन में विधायकों के साथ रात्रिभोज रद्द कर दिया.
(इनपुट भाषा से)
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