कोलकाता:
सनसनीखेज कामदुनी गैंगरेप और हत्या के दोषी तीन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई, जबकि तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संचिता सरकार ने अमीनुल अली, सैफुल अली और अंसार अली को मौत की सजा सुनाई, जबकि इमानुएल इस्लाम, अमीनुल इस्लाम और भोला नासकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
गैंगरेप और हत्या के दोषी पाए गए तीनों के वकील के इस तर्क को न्यायाधीश ने खारिज कर दिया कि यह विरलतम मामला है। न्यायाधीश ने अपराह्न तीन बजकर 40 मिनट पर फैसला दिया। जज ने सभी दोषियों का नाम पुकारा, जिन्हें खचाखच भरे अदालत कक्ष में पेश किया गया, जिसके बाद सजा का ऐलान हुआ।
दो आरोपी हुए थे बरी
दो आरोपी रफीकुल इस्लाम और नूर अली को साक्ष्य के अभाव में गुरुवार को बरी कर दिया गया था। एक अन्य आरोपी गोपाल नासकर की पिछले वर्ष अगस्त में सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
यह था मामला
7 जून, 2013 को अपने कॉलेज की परीक्षा देकर कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले में कामदूनी स्थित अपने घर को जब उक्त छात्रा लौट रही थी तब उसके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
दोषियों ने खुद को बताया बेगुनाह
अभियोजन की तरफ से वकील दीपक घोष ने कहा कि सजा देते वक्त जिन परिस्थितियों में पीड़िता की मौत हुई और उसके निजी अंगों में जिस तरह के जख्म थे, उसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने अपराध के लिए कोई पश्चाताप नहीं दिख रहा है। न्यायाधीश ने छह दोषियों से बात की जिनमें से प्रत्येक ने दावा किया कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है।
गैंगरेप और हत्या के दोषी पाए गए तीनों के वकील के इस तर्क को न्यायाधीश ने खारिज कर दिया कि यह विरलतम मामला है। न्यायाधीश ने अपराह्न तीन बजकर 40 मिनट पर फैसला दिया। जज ने सभी दोषियों का नाम पुकारा, जिन्हें खचाखच भरे अदालत कक्ष में पेश किया गया, जिसके बाद सजा का ऐलान हुआ।
दो आरोपी हुए थे बरी
दो आरोपी रफीकुल इस्लाम और नूर अली को साक्ष्य के अभाव में गुरुवार को बरी कर दिया गया था। एक अन्य आरोपी गोपाल नासकर की पिछले वर्ष अगस्त में सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
यह था मामला
7 जून, 2013 को अपने कॉलेज की परीक्षा देकर कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले में कामदूनी स्थित अपने घर को जब उक्त छात्रा लौट रही थी तब उसके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
दोषियों ने खुद को बताया बेगुनाह
अभियोजन की तरफ से वकील दीपक घोष ने कहा कि सजा देते वक्त जिन परिस्थितियों में पीड़िता की मौत हुई और उसके निजी अंगों में जिस तरह के जख्म थे, उसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने अपराध के लिए कोई पश्चाताप नहीं दिख रहा है। न्यायाधीश ने छह दोषियों से बात की जिनमें से प्रत्येक ने दावा किया कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है।
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