अरुणचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते कलीखाओ पुल
इटानगर:
दो महीने तक चले राजनीतिक संकट के बाद बागी कांग्रेस नेता कालिखाओ पुल ने शुक्रवार को रात में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उच्चतम न्यायालय ने राज्य में सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया था जिसके बाद राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया था।
पुल को राज्यपाल ने दिलाई शपथ
पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पुल को राज्यपाल केपी राजखोवा ने यहां राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 48 वर्षीय पुल ऐसी सरकार के मुखिया हैं जिसे 19 बागी कांग्रेस विधायकों का समर्थन है। उन्हें बाहर से 11 भाजपा विधायकों तथा दो निर्दलियों का भी समर्थन हासिल है जो राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में सरकार का हिस्सा हो सकते हैं।
मंत्रिमंडल का विस्तार होगा
तुकी को 26 कांग्रेसी विधायकों का समर्थन हासिल है। शपथ ग्रहण के बाद पुल ने मीडिया को बताया कि वह उनका समर्थन करने वाले विधायकों से सलाह मशविरा करने के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई तारीख नहीं बताई। ऐसी अटकलों का बाजार गर्म है कि नई सरकार सीमावर्ती राज्य में ताजा चुनावों का रास्ता साफ करने के लिए विधानसभा को भंग कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया सरकार के गठन का रास्ता साफ
इससे पूर्व शुक्रवार को दिन में उच्चतम न्यायालय ने सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया जिसके बाद राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन हटाने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश पर अपनी मंजूरी की मोहर लगा दी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली में यह जानकारी दी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुल को राज्यपाल ने दिलाई शपथ
पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पुल को राज्यपाल केपी राजखोवा ने यहां राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 48 वर्षीय पुल ऐसी सरकार के मुखिया हैं जिसे 19 बागी कांग्रेस विधायकों का समर्थन है। उन्हें बाहर से 11 भाजपा विधायकों तथा दो निर्दलियों का भी समर्थन हासिल है जो राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में सरकार का हिस्सा हो सकते हैं।
मंत्रिमंडल का विस्तार होगा
तुकी को 26 कांग्रेसी विधायकों का समर्थन हासिल है। शपथ ग्रहण के बाद पुल ने मीडिया को बताया कि वह उनका समर्थन करने वाले विधायकों से सलाह मशविरा करने के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई तारीख नहीं बताई। ऐसी अटकलों का बाजार गर्म है कि नई सरकार सीमावर्ती राज्य में ताजा चुनावों का रास्ता साफ करने के लिए विधानसभा को भंग कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया सरकार के गठन का रास्ता साफ
इससे पूर्व शुक्रवार को दिन में उच्चतम न्यायालय ने सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया जिसके बाद राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन हटाने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश पर अपनी मंजूरी की मोहर लगा दी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली में यह जानकारी दी।
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