जस्टिस बीवी नागरत्ना वर्ष 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हो सकती हैं. यह जानकारी बुधवार को सामने आई है. जस्टिस बीवी नागारत्ना कर्नाटक हाईकोर्ट की जज हैं. वो देश में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे ईएस वेंकटरमैया की पुत्री हैं. जस्टिस नागरत्ना ने कर्नाटक में कॉमर्शियल और संवैधानिक कानूनों की व्याख्या करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं. वेंकटरमैया 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989 तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहे थे.
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कर्नाटक में 1987 में बार काउंसिल में नामांकन कराया था और वो संवैधानिक और वाणिज्यिक कानूनों के विषय में प्रैक्टिस शुरू की थी. उन्हें 2008 में कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशन जज बनाया गया. फिर 17 फरवरी 2010 को जस्टिस नागरत्ना स्थायी तौर पर हाईकोर्ट की जज नियुक्त की गई थीं.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए नौ न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की है. जस्टिस बीवी नागरत्ना की भी कॉलेजियम ने सिफारिश की है. सिफारिशों की सूची में जस्टिस हिमा कोही और जस्टिस बेला त्रिवेदी अन्य दो महिला न्यायाधीश भी हैं. भारत में महिला मुख्य न्यायाधीश की मांग बहुत पहले से होती रही है.
अपनी सेवानिवृत्ति से पहले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि "भारत के लिए एक महिला मुख्य न्यायाधीश होने का समय आ गया है." उन्होंने अप्रैल में कहा था, "हमारे मन में महिलाओं का हित सर्वोपरि है और हम इसे सबसे अच्छे तरीके से लागू कर रहे हैं. हमारे अंदर कोई रवैया नहीं बदला है. केवल एक चीज है, हमें अच्छे उम्मीदवार लाने हैं."
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