अकाली दल (SAD) द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) छोड़ने के दो महीने से भी कम समय के बाद, केंद्र सरकार ने पार्टी के नेता बिक्रम सिंह मजीठियाकी जेड श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है. केंद्र की तरफ से भेजे गए पत्र के बाद पंजाब सरकार ने अब मजीठिया की सुरक्षा की समीक्षा करने का फैसला लिया है ताकि यह तय किया जा सके कि उन्हें किस प्रकार की सुरक्षा प्रदान की जा सकती है. अकाली दल ने केंद्र सरकार के इस फैसले को राजनीतिक रंजिश की कार्रवाई करार दिया है.
एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए, एसएडी के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि एसएडी पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के जेड प्लस श्रेणी सुरक्षा कवर को वापस लेने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मनमाने, तानाशाही और राजनीति से प्रेरित फैसले की निंदा करता है.अकाली दल के वरिष्ठ नेता चीमा ने आरोप लगाया कि मजीठिया की सुरक्षा को वापस इस लिए लिया गया क्योंकि उनकी पार्टी ने केंद्र के कृषि कानून का विरोध किया है.
चीमा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मजीठिया राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए हैं. लेकिन अकाली दल इस तरह के हथकंडों से पीछे नहीं हटेगा और केंद्रीय कानूनों के विरोध में किसानों और पंजाबियों के साथ खड़ा रहेगा और कोई भी अन्य मुद्दा जो संघीय ढांचा को कमजोर करेगा या पंजाब विरोधी होगा उसका विरोध करता रहेगा. गौरतलब है कि मजीठिया पूर्व केंद्रीय मंत्री और SAD के भटिंडा सांसद हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.
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