Bihar Election 2020: सासाराम जिले की सात सीटों में इस बार सबसे ज्यादा सीटें JDU को मिली है. सासाराम में बीजेपी के दो बड़े नेता रामेश्वर चौरसिया और राजेंद्र सिंह के बागी हो जाने से NDA गठबंधन के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. JDU और BJP के बीच बढ़ती गुटबाजी को देखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को खुद बैठक करनी पड़ी है. सासाराम में जेडीयू बीजेपी गठबंधन को एक साथ कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है.
बीजेपी के बागी रामेश्वर चौरसिया LJP में शामिल हो गये हैं. लेकिन उनकी सभाओं में नारे बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लग रहे हैं. इससे सासाराम विधानसभा में JDU के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार कर रहे रामेश्वर चौरसिया कहते हैं कि नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने से उनको कोई नहीं रोक सकता है. साथ ही रामेश्वर चौरसिया ने बीेजपी नेता सुशील मोदी पर भी जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी को गिरवी रख दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये सब बीजेपी का ही कुनबा है. दिल्ली में LJP के साथ गठबंधन है यही असली गठबंधन है.
बीजेपी गठबंधन के लिए दूसरी सियासी परेशानी दिनारा से LJP प्रत्याशी राजेंद्र सिंह हैं तो वहीं सासाराम के अपनी कोठी में बैठे बीजेपी सांसद छेदी पासवान के भतीजे शेखर पासवान भी चेनारी से JDU प्रत्याशी लल्लन पासवान के खिलाफ मैदान में हैं. इस तरह से सासाराम जिले में 7 विधानसभा में से 5 पर JDU प्रत्याशी लड़ रहे हैं इनमें से 3 विधानसभा पर बीजेपी के बागी चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव में JDU और BJP के बीच तालमेल की कमी को देखते हुए खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को आना पड़ा..खुद सासाराम सांसद भी मानते बैं कि BJP और JDU के बीच समन्वय बनाने में देरी हो गई है. सासाराम की सियासी लड़ाई अपने रोचक मोड़ पर है. सासाराम में बीजेपी JDU की सियासी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है इसी के चलते खुद जेपी नड्डा ने यहां कैंप किया था और नरेंद्र मोदी की रैली भी यहां प्रस्तावित है.
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