पत्रकार रेवती लाल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद:
नरोदा पाटिया दंगा मामले में पैरोल पर बाहर आये एक दोषी ने कथित तौर पर एक पूर्व टीवी पत्रकार पर उस समय हमला कर दिया जब वह 2002 के गुजरात दंगों पर अपनी एक किताब के सिलसिले में उससे मिलने गयी थीं।
शहर अपराध शाखा ने हमलावर सुरेश छारा को गिरफ्तार कर लिया जिसे गुजरात दंगों के दौरान 28 फरवरी, 2002 को नरोदा पाटिया इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले में अपनी भूमिका के लिए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पीड़िता रेवती लाल ने दावा किया कि घटना बुधवार शाम की है। उसने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
अपराध शाखा के एसीपी राहुल पटेल ने कहा, ‘हमने पूर्व पत्रकार पर हमले और कुछ अन्य मामलों में छारा को गिरफ्तार कर लिया है।’ रेवती ने कहा, ‘दरअसल मैं छारा के परिवार को जानती हूं क्योंकि मैं पिछले एक साल से एक किताब पर काम कर रही हूं। उसके उसकी पत्नी से तनावपूर्ण संबंध हैं और दोनों अलग रह रहे हैं। छारा की पत्नी ने उसके खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। यह घटना उसकी पिछली पैरोल के दौरान हुई। मैंने उसकी पत्नी को वकील दिलाने में मदद की।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘इसलिए बुधवार को जब वह अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए दोबारा पैरोल पर आया तो मैंने उससे मुलाकात की। जब मैंने कोई सवाल पूछा तो बिना किसी उकसावे के उसने मुझ पर हमला कर दिया।’ रेवती ने कहा, ‘मुझे ज्यादा चोट नहीं आई क्योंकि मौजूद अन्य लोगों ने बीचबचाव किया।’
शहर अपराध शाखा ने हमलावर सुरेश छारा को गिरफ्तार कर लिया जिसे गुजरात दंगों के दौरान 28 फरवरी, 2002 को नरोदा पाटिया इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले में अपनी भूमिका के लिए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पीड़िता रेवती लाल ने दावा किया कि घटना बुधवार शाम की है। उसने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
अपराध शाखा के एसीपी राहुल पटेल ने कहा, ‘हमने पूर्व पत्रकार पर हमले और कुछ अन्य मामलों में छारा को गिरफ्तार कर लिया है।’ रेवती ने कहा, ‘दरअसल मैं छारा के परिवार को जानती हूं क्योंकि मैं पिछले एक साल से एक किताब पर काम कर रही हूं। उसके उसकी पत्नी से तनावपूर्ण संबंध हैं और दोनों अलग रह रहे हैं। छारा की पत्नी ने उसके खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। यह घटना उसकी पिछली पैरोल के दौरान हुई। मैंने उसकी पत्नी को वकील दिलाने में मदद की।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘इसलिए बुधवार को जब वह अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए दोबारा पैरोल पर आया तो मैंने उससे मुलाकात की। जब मैंने कोई सवाल पूछा तो बिना किसी उकसावे के उसने मुझ पर हमला कर दिया।’ रेवती ने कहा, ‘मुझे ज्यादा चोट नहीं आई क्योंकि मौजूद अन्य लोगों ने बीचबचाव किया।’
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