दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के शुरुआती दौर में उसके आयोजकों में से एक रहे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र शरजील इमाम पर असम पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज कर लिया है. बता दें, यह मुकदमा उस वीडियो के सामने आने के बाद दर्ज किया गया है जिसमें इमाम उत्तर-पूर्व भारत को शेष भारत से काटने की बात करते हैं. उनका यह वीडियो पिछले कुछ दिनों में तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है और इसके बाद ही असम पुलिस ने इमाम पर केस दर्ज किया है. NDTV से बात करते हुए असम पुलिस ने कहा कि JNU में मॉडर्न इंडियन हिस्ट्री के एक छात्र शरजील इमाम पर आपराधिक साजिश, राष्ट्रद्रोह और धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए हैं.
शरजील इमाम पर केस दर्ज होने के बाद असम के कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि हम संतुष्ट है कि शरजील इमाम के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला कर चुके हैं. उन्होंने कहा, 'हम संतुष्ट हैं कि हम शरजील इमाम के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला कर चुके हैं. अगर यह साबित नहीं हुआ तो अलग बात है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे लगता है कि यह देश में पहली बार है कि मुसलमान हिंदुओं, ईसाई, सिख, बौद्धों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. हमने कभी विरोध नहीं किया जब मुसलमानों को अलग पर्सनल नागरिकता कानून दिया गया.'
The protest at Shaheen Bagh is to protect the constitutional morality of this nation.
— Shaheen Bagh Official (@Shaheenbaghoff1) January 25, 2020
No one individual's videos, statements or articles can represent the movement.#ShaheenBaghTruth pic.twitter.com/vldJ9V8hsD
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सरमा ने कहा, 'वे चाहते हैं कि पड़ोसी देशों में हिंदू, ईसाई, सिख और बौद्ध हमेशा गरीब और अल्पसंख्यक बने रहे. उनका शोषण और धर्मांतरण होता रहे. वे पाकिस्तान के मुसलमानों और शाहीन बाग के मुसलमानों के बीच सैंडविच बने रहें.' बता दें, शरजील इमाम का वायरल रहा वीडियो इस महीने की शुरुआत में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हुए विरोध-प्रदर्शनों में दिए गए उनके भाषण का हिस्सा है. वीडियो में उन्हें राष्ट्र विरोधी बयानबाजी करते हुए देखा जा सकता है.
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इस बारे में अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार ने NDTV से बात करते हुए कहा, 'सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्रेंड कर रहा है जिसमें JNU के एक छात्र शरजील इमाम को दिखाया गया है. वह कुछ कथित-राष्ट्रीय टिप्पणियां कर रहा है. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह टिप्पणी 16 जनवरी को AMU में एक सार्वजनिक भाषण के दौरान की गई थी.' उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है. इस बीच एक ट्विटर अकाउंट, जो शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के आधिकारिक हैंडल होने का दावा करता है, ने इस पूरे मामले से खुद को अलग कर लिया है. इसके साथ ही उसने जवाब में कहा है, 'किसी के व्यक्तिगत बयान, वीडियो या लेख इस आंदोलन प्रतिधिनित्व नहीं करते हैं.'
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